प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के साथ वर्चुअल शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत में सभी क्षेत्रों को शामिल करते हुए समग्र सुधार की एक प्रक्रिया शुरू की गई है क्योंकि वह कोरोना संकट को एक अवसर के रूप में देख रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करते हुए मोदी ने महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से दुनिया को जल्दी बाहर निकालने के लिये एक समन्वित एवं एकजुट पहल की वकालत की जिस महामारी के कारण विश्व में 65 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और दुनिया में 3.88 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।
वर्चुअल शिखर बैठक का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इसे भारत आस्ट्रेलिया गठजोड़ का एक नया मॉडल और कारोबार करने का भी नया मॉडल बताया। मॉरिसन के साथ अपनी बैठक को पीएम मोदी ने अभूतपूर्व बताया जिसमें दो सामरिक सहयोगियों के बीच संबंधों के सभी आयामों पर चर्चा की गई। साथ ही, दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य सेवा, कारोबार और रक्षा क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, 'इस कठिन समय में आपने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय का, और खास तौर पर भारतीय छात्रों का, जिस तरह ध्यान रखा है, उसके लिए मैं विशेष रूप से आभारी हूँ।' उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार ने इस संकट को एक अवसर की तरह देखने का निर्णय लिया है। भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। बहुत जल्द ही जमीनी स्तर पर इसके परिणाम देखने को मिलेंगे।'
मोदी ने बताया कि उनका मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह उपयुक्त समय, उपयुक्त मौका है तथा अपनी दोस्ती को और मजबूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'कैसे हमारे संबंध अपने क्षेत्र के लिए और विश्व के लिए एक ‘स्थितरता का कारक’ बनें, कैसे हम मिल कर वैश्विक बेहतरी के लिए कार्य करें, इन सभी पहलुओं पर विचार की आवश्यकता है।'
वहीं, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन ने जी 20 सहित अन्य मंचों पर रचनात्मक एवं काफी सकारात्मक भूमिका के लिए मोदी की सराहना की जिसमें कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैश्विक पहल को आगे बढ़ाने की बात कही गई। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने एक तरफ पीएम मोदी के गले लगने की इच्छा जताई तो दूसरी तरफ गुजराती खिचड़ी बनाने की बात भी कही।
In social distancing, Scott Morrison missed 'Modi hug' but Gujarati Khichdi is on cards
— ANI Digital (@ani_digital) June 4, 2020
Read @ANI Story | https://t.co/bFjmOFZ1GL pic.twitter.com/DyMQiUpZDO
वर्चुअल बैठक में मोदी ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने सम्बन्धों को व्यापक तौर पर और तेज गति से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह न सिर्फ़ हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है।
उन्होंने कहा, 'वैश्विक महामारी के इस काल में हमारे समग्र सामरिक गठजोड़ की भूमिका और महत्वपूर्ण रहेगी। विश्व को इस महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से जल्दी निकलने के लिए एक समन्वित और एकजुट पहल की आवश्यकता है।' उन्होंने कहा, 'हमारी आज की मुलाक़ात आपकी भारत यात्रा का स्थान नहीं ले सकती। एक मित्र के नाते मेरा आपसे आग्रह है कि स्थिति सुधरने के बाद आप शीघ्र सपरिवार भारत यात्रा प्लान करें और हमारा आतिथ्य स्वीकार करें।'
मोदी ने आगे कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध विस्तृत होने के साथ-साथ गहरे भी हैं। और यह गहराई हमारे साझा मूल्यों, साझा हितों, साझा भूगोल और साझा उद्देश्यों से आती है। वही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्कॉट मॉरिसन के बीच शिखर वार्ता के बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया ने सैन्य ठिकानों और साजो-सामान तक पहुंच के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों पक्षों ने सिविल न्यूक्लियर सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई। ऑस्ट्रेलिया ने न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की सदस्यता का समर्थन किया है। साथ ही, यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल में भारत की स्थाई सदस्यता की वकालत की है। दोनों देशों के संयुक्त घोषणा पत्र में कहा गया है कि अंतराराष्ट्रीय नियमों पर आधारित स्वतंत्र नौवहन को समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई।
आपको बता दें कि यह पहला मौका है जब मोदी किसी विदेशी नेता के साथ आभासी शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं । दोनों देशों के संबंध 2009 में सामरिक गठजोड़ के स्तर पर पहुंचे और कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार मिला है। वर्ष 2017 में विदेश नीति पर श्वते पत्र में आस्ट्रेलिया ने भारत को हिन्द महासागर के देशों में महत्वपूर्ण नौवहन शक्ति एवं आस्ट्रेलिया के अग्रिम सहयोगी के रूप में मान्यता दी थी।
भारत और आस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक संबंध पिछले वर्षो में बढ़ रहे हैं। 2018-19 में दोनों देशों के बीच कारोबार 21 अरब डालर था। दोनों देश कारोबार और निवेश बढ़ाने को लेकर आशन्वित हैं । भारत में आस्ट्र्रेलिया का कुल निवेश 10.74 अरब डालर था और आस्ट्रेलिया में भारत का निवेश 10.45 अरब डालर था। आस्ट्रेलिया के सुपर पेंशन फंड ने भारत में नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रांस्टक्टर फंड में 1 अरब डालर का निवेश किया है।
पिछले कुछ वर्षो में भारत और आस्ट्रेलिया ने नौवहन सहयोग बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रीत किया है । आस्ट्रेलिया और भारत ने 2015 में पहला द्विपक्षीय नौसेना अभ्यास किया था । साल 2019 में बंगाल की खाड़ी में तीसरा अभ्यास हुआ था। आस्ट्रेलिया सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के रूख का समर्थक रहा है।
यह भी पढ़ें- राहुल गांधी से बोले राजीव बजाज- लॉकडाउन से वायरस भी नहीं रुका और अर्थव्यवस्था तबाह हो गई