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नहीं रहे गोवा के CM पर्रिकर, एक‍ दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित

नहीं रहे गोवा के CM पर्रिकर, एक‍ दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित

 

गोवा के CM मनोहर पर्रिकर ने लंबी बीमारी के बाद रविवार को अंतिम सांस ली. वे लंबे वक्‍त से कैंसर से जूझ रहे थे. उनका पूरा नाम मनोहर गोपालकृष्णा प्रभु पर्रिकर था. वे अपने पीछे दो बेटे छोड़ गए हैं. उनकी पत्‍नी का निधन हो चुका है.

पर्रिकर का सोमवार को अंतिम संस्‍कार किया जाएगा. इधर केंद्र सरकार ने सोमवार को एक दिन के लिए राष्‍ट्रीय शोक की घोषणा की है. पूरे देशभर में सोमवार को तिरंगा आधा झूका रहेगा.

राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री का निधन रविवार शाम छह बजकर चालीस मिनट पर हुआ. पिछले एक साल से बीमार चल रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता का स्वास्थ्य दो दिन पहले बहुत बिगड़ गया था. आज डॉक्‍टरों की टीम ने उनकी गहन जांच की, लेकिन उन्‍हें बचाया नहीं जा सका. सोमवार को सुबह 11 बजे उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया है, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना पाकर शोकाकुल हूं. उन्होंने कहा कि पर्रिकर बेहद साहस और सम्मान के साथ अपनी बीमारी से लड़े. उन्होंने लिखा है कि सार्वजनिक जीवन में वह ईमानदारी और समर्पण के मिसाल हैं और गोवा और भारत की जनता के लिए उनके काम को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. सूत्रों ने बताया कि पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर शनिवार देर रात से ही जीवनरक्षक प्रणाली पर थे. पर्रिकर फरवरी 2018 से ही बीमार चल रहे थे.

पर्रिकर के निधन से पहले ही उनके संबंधी तथा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और राजनीतिक नेता उनके आवास डोना पौला पहुंच चुके थे. इधर पर्रिकर के निधन की खबर के बाद आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. इससे पहले पर्रिकर की हालत नाजुक होने की खबर गोवा मुख्‍यमंत्री ऑफिस ने ट्वीट कर दी थी. बताया गया था कि मुख्‍यमंत्री डॉक्‍टरों की देखरेख में हैं. गोवा मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने बयान में कहा है कि मुख्‍यमंत्री मनोहर पर्रिकर की हालत बहुत गंभीर है. डॉक्टर अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं.

मनोहर पर्रिकर का जन्‍म 13 दिसंबर 1955 को मापुसा गोवा में हुआ था. पर्रिकर उत्तर प्रदेश से राज्‍य सभा सांसद थे. वे भारतीय जनता पार्टी से गोवा के मुख्‍यमंत्री बनने वाले पहले नेता थे. जून 1999 से नवंबर 1999 तक वो विपक्ष के नेता भी रहे. पहली बार पर्रिकर अक्‍टूबर 2000 को गोवा के मुख्‍यमंत्री बने थे, लेकिन उनकी सरकार महज 27 फरवरी 2002 तक ही चली. हालांकि वे जून 2002 में फिर से मुख्‍यमंत्री बने.  भाजपा को गोवा की सत्ता में लाने का श्रेय पर्रिकर को ही जाता है. इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को अकेले गोवा लाने का तथा किसी भी अन्य सरकार से कम समय में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मूलभूत संरचना खड़ी करने का श्रेय भी पर्रिकर को ही जाता है.

पर्रिकर 2014 से 2017 तक राज्‍यसभा सांसद रहे. उन्‍होंने 2014 से 2017 तक देश के रक्षामंत्री का भी पदभार संभाला. उन्‍हें अरुण जेटली की जगह पर देश का रक्षा मंत्री बनाया गया था. स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से उन्‍होंने रक्षामंत्री के पद से इस्‍तीफा दे दिया था. उसके बाद वे गोवा के 10वें मुख्‍यमंत्री बने.


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