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जीवन में शॉटकट से लेकर परीक्षा में नकल तक... जानिए 'परीक्षा पे चर्चा' में क्या बोले PM मोदी

जीवन में शॉटकट से लेकर परीक्षा में नकल तक... जानिए 'परीक्षा पे चर्चा' में क्या बोले PM मोदी

 

प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में शुक्रवार को 'परीक्षा पे चर्चा' 2023 कार्यक्रम के जरिए छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने छात्रों को जीवन में सफल होने के लिए खास मंत्र दिए।

इस दौरान पीएम मोदी ने नकल के प्रति भी छात्रों को आगाह किया और कहा कि इससे उन्हें अल्पकालिक लाभ तो हो सकता है लेकिन दीर्घकालिक नुकसान ही होगा। परीक्षा पे चर्चा में उन्‍होंने छात्रों द्वारा गैजेट्स के अत्यधिक इस्‍तेमाल पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि छात्रों को अपनी बुद्धिमत्ता पर भरोसा करना चाहिए ना कि अपने मोबाइल फोन पर।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी से विचलित न हों। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बातचीत के लिए जब आप मोबाइल फोन का उपयोग करें तो इसके लिए एक अलग समय तय करें। प्रधानमंत्री ने परीक्षाओं में अनुचित प्रथाओं के उपयोग के खिलाफ भी दृढ़ता से बात की और छात्रों को सलाह दी कि वे इस बात पर गर्व न करें कि तनाव से बचने के लिए उनकी परीक्षा कितनी अच्छी रही।

उन्होंने कहा कि नकल से किसी को एक या दो परीक्षा में तो मदद मिल सकती है लेकिन लंबे समय में जीवन में नहीं। शॉर्टकट कभी न लें। छात्रों की कड़ी मेहनत उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में हमेशा मदद करेगी। छात्रों को कई बार उन पर पड़ रहे दबाव का विश्लेषण करना चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि कहीं वे अपनी ताकत को कम तो नहीं आंक रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि परिवार के सदस्यों की अपेक्षाएं होना स्वाभाविक है लेकिन अगर वह समाज में दिखावे के लिए ऐसा करते हैं तो गलत है। उन्होंने कहा कि तनाव के कारणों में से एक यह है कि हमने अपनी परीक्षा में कितना अच्छा प्रदर्शन किया, इस बारे में शेखी बघारने लगते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में माता-पिता बच्चों की बातों पर विश्वास करने लगते हैं और यह बात अपने आसपास के लोगों को बताने लगते हैं। परीक्षा में अपने प्रदर्शन के बारे में गलत धारणा बनाने से बचें।
 

PM की शिक्षकों को सलाह 

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने शिक्षकों को सलाह दी कि जो छात्र उनसे सवाल करते हैं, वे उनका स्वागत करें। उन्होंने कहा कि अगर कोई छात्र प्रश्‍न करता है तो इसका अर्थ है वह उत्‍सुक है। यह अच्छा संकेत है और शिक्षकों को उनकी उत्‍सुकता को बढ़ावा देने की कोशिश करनी चाहिए। 

परीक्षा के बाद बच्चो को घूमने के लिए भेजें माता-पिता : PM मोदी 

छात्रों द्वारा अपने दायरे का विस्तार करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उन्होंने ने माता-पिता को सलाह दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे अपने बच्चों को कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा के बाद कुछ स्थानों की यात्रा करने के लिए कुछ पैसे दें और उन्हें इसके बारे में लिखने के लिए कहें। उन्होंने कहा कि बच्‍चों को घर के भीतर बंद नहीं रखना चाहिए और उन्‍हें उन गतिव‍िधियों को करने की अनुमति दी जानी चाहिए जो वे समाज में करना चाहते हैं। उन्हें समाज के विभिन्न लोगों से मिलने देना चाहिए। छात्रों को बंधनों में नहीं बांधना चाहिए। उन्हें उनका दायरा बढ़ाने की अनुमति दी जानी चाहिए।

वहीं, परीक्षा पे चर्चा के दौरान टाइम मैनेजमेंट का टिप्स देते हुए पीएम मोदी ने कहा, "आप ऐसा स्लेब्स बनाइए कि जो आपको कम पसंद विषय है उसको पहले समय दीजिए... उसके बाद उस विषय को समय दीजिए जो आपको पसंद है।"

उन्होंने कहा कि अपने भीतर देखो। आत्मनिरीक्षण करो, अपनी क्षमता, अपनी आकांक्षाओं, अपने लक्ष्यों को पहचानना चाहिए, और फिर उन्हें उन अपेक्षाओं के साथ जोड़ने का प्रयास करें जो अन्य लोग आपसे कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि पहले काम को समझिए। हमें भी जिस चीज की जरूरत है उसी पर फोकस करना चाहिए। अगर मुझे कुछ अचीव करना है तो मुझे स्पेसिफिक एरिया पर फोकस करना होगा, तभी परिणाम मिलेगा। हमें 'स्मार्टली हार्डवर्क' करना चाहिए, तभी अच्छे परिणाम मिलेंगे।


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