निर्भया केस में चारों दोषियों में से एक मुकेश की दया याचिका को गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा था और साथ ही गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से इस याचिका को नामंजूर करने की सिफारिश की थी। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को निर्भया केस के दोषी मुकेश कुमार की दया याचिका खारिज कर दी है।
मामले में दोषी विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी को फांसी दी जानी है। वहीं, निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांड के चारों दोषियों को गुरुवार को तिहाड़ जेल परिसर के कारावास नंबर तीन में स्थानांतरित किया गया जहां उन्हें फांसी पर लटकाया जाना है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने बुधवार को उच्च न्यायालय को बताया था कि एक दोषी की दया याचिका लंबित होने के मद्देनजर फांसी को स्थगित किया जाना चाहिए।
President Ram Nath Kovind rejects the mercy petition of 2012 Delhi gang-rape case convict Mukesh Singh
— ANI Digital (@ani_digital) January 17, 2020
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बता दें, निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के दोषियों को फांसी में देरी पर गुरूवार को बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिला जहां बीजेपी ने फांसी में विलंब में दिल्ली सरकार की संलिप्तता और लापरवाही की बात कही तो आप ने भाजपा पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कानून व्यवस्था केंद्र के पास है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की ओर से उच्च न्यायालय को एक सुनवाई के दौरान सूचित किया गया था कि दोषियों को फांसी की सजा 22 जनवरी को नहीं दी जा सकेगी क्योंकि सिंह द्वारा दया याचिका दायर की गयी है। इस मामले के चार अभियुक्तों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय और पवन गुप्ता को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दिया जाना तय हुआ है। दिल्ली की एक अदालत ने 7 जनवरी को उनकी मौत का वारंट जारी किया था।
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