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सोशल मीडिया संबंधी नए नियम दिखाते हैं मोदी सरकार का 'उत्तर कोरियाई रवैया' : कांग्रेस

सोशल मीडिया संबंधी नए नियम दिखाते हैं मोदी सरकार का 'उत्तर कोरियाई रवैया' : कांग्रेस

 

कांग्रेस ने सोशल मीडिया से जुड़े नए नियमों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। पार्टी ने  बुधवार को आरोप लगाया कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति मोदी सरकार के ‘उत्तर कोरियाई रवैये’ को दिखाता है। वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह दावा भी किया कि सरकार इन नियमों के जरिए सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्मों पर अंकुश लगाना चाहती है। इसका विपक्ष पुरजोर विरोध करेगा।

सिंघवी ने कहा, 'सोशल मीडिया मंच अपनी लड़ाई लड़ेंगे। हम देश के नागरिकों की तरफ से बात कर रहे हैं। ये जो नियम लागू हो रहे है, वे गंभीर हैं। इनका हम पुरजोर विरोध करते हैं।' सिंघवी ने आरोप लगाया, 'मोदी सरकार जिन नियमों को लागू कर रही है वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर उसके उत्तर कोरियाई रवैये को दिखाते हैं। यह लोकतंत्र के हर स्तंभ पर नियंत्रण करने का एक और प्रयास है। यह सीबीआई, ईडी और चुनाव आयोग के साथ होता हुआ देखा गया है।'

वहीं, अदालतों के कुछ फैसलों का हवाला देते हुए सिंघवी ने दावा किया, 'इस सरकार की समझ सिर्फ यह है कि विरोध की हर आवाज राष्ट्र विरोधी है। प्रधानमंत्री और सरकार की निंदा या कार्टून अपराध है। ऑक्सि‍जन की कमी का मुद्दा उठाने वाले को जेल भेजना है। इस सरकार को विरोध स्वीकार नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘स्वतंत्र आवाज जीवन और लोकतंत्र की ऑक्सि‍जन है। इस ऑक्सि‍जन को कम नहीं किया जा सकता है। ऐसा करना हमारी संस्कृति के भी विरुद्ध है।'

कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया, 'अब बहुत हो चुका। हम अपनी आजादी और स्वायत्तता पर आक्रमण के खिलाफ एक सुर में बोलेंगे।' बता दें कि नए सूचना प्रौद्योगिकी नियम बुधवार (26 मई) से प्रभाव में आ गए हैं। इनकी घोषणा 25 फरवरी को की गई थी। नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं। 

इस बीच फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने इन नियमों को लेकर सरकार के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। दरअसल, प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को नए नियमों के अनुपालन के लिए तीन महीने का समय दिया गया था। इस श्रेणी में उन मंचों को रखा जाता है, जिनके रजिस्‍टर्ड यूजर्स की संख्या 50 लाख से अधिक है।

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