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वाराणसी में दर्दनाक हादसा: फ्लाईओवर का हिस्सा गिरने से करीब 20 की मौत, दर्जनों घायल

वाराणसी में दर्दनाक हादसा: फ्लाईओवर का हिस्सा गिरने से करीब 20 की मौत, दर्जनों घायल

 

वाराणसी: कैंट रेलवे स्टेशन के पास 15 मई को शाम करीब 5 बजे निर्मीणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिर गया। हादसे में अब तक करीब 20 लोगों के मरने की पुष्टी की जा चुकी है। पुल के मलबे में दबे लोगों में से अभी तक एक महिला समेत 12 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। पुल की शटरिंग के लिए बने वजनी पिलर के नीचे रोडरेज़ बस समेत कई चारपहिया और दोपहिया वाहन दब गए। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि आठ से दस मोटरसाईकल इसकी चपेट में आ गए हैं। एक दर्जन से ज्यादा घायलों को मंडलीय अस्पताल और बीएचयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। राहत कार्य के लिए सेना के जवानों के साथ एनडीआरएफ की टीम भी लगी हुई है। प्रशासन ने पुल गिरने के तुरंत बाद कर्रवाई करते हुए 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड होने वालों में चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर, प्रोजेक्ट मैनेजर, सहायक अभियंता और अवर अभियंता शामिल हैं।

हादसे के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने इस मामले को लेकर सीएम योगी से फोन पर बात की और घायलों को हर संभव मदद मुहय्या कराने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख और घायलों को 2-2 लाख रूपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन फ्लाओवर के गिरने के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिती का गठन किया है। इस समिती का अध्यक्ष कृषि उत्पादन आयुक्त आर. पी. सिंह को बनाया गया है। सीएम योगी ने समिती से 48 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी देर रात घटना स्थल पर पहुंचे। सीएम पहुंचते ही सबसे पहले चल रहे बचाव कार्य का जायज़ा लिया और फिर घायलों से मिलने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर पहुंचे। वहीं समाजवादी पार्टी के आध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ईमानदारी से जांच होने की मांग की है।


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