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मोदी सरकार कर रही है खरीद गारंटी योजना पर विचार, सभी किसानों को मिलेगा लाभ

मोदी सरकार कर रही है खरीद गारंटी योजना पर विचार, सभी किसानों को मिलेगा लाभ

 

मोदी सरकार किसानों की उपज की खरीद सुनिश्चित करने में जुट गई है। सरकार समर्थन मूल्य के बाद पैदावार की व्यापक खरीद और इसका लाभ सभी किसानों को दिलाने की दिशा में प्रस्तावित खरीद गारंटी योजना पर विचार कर रही है। इस संदर्भ में सरकार में कई उच्च स्तरीय बैठकें भी हो चुकी हैं।

 

जानकारी के अनुसार कृषि उपज की प्रस्तावित खरीद गारंटी योजना मौजूदा खरीद प्रणाली से अलग और व्यापक होगी। प्रस्तावित प्रणाली के मसौदे में मंडियों में निजी व्यापारियों को खुले बाजार के भावों पर बेची जाने वाली जिंसों का ब्यौरा होगा। इसमें एमएसपी और बाजार के अंतर को किसानों के खाते में जमा कराया जाएगा। मूल्य के अंतर वाली धनराशि को केंद्र व राज्यों को संयुक्त रूप से वहन करना पड़ सकता है।

 

बता दें एमएसपी में होने वाली वृद्धि का लाभ सीमित किसानों तक ही पहुंचता है। जिन राज्यों में सरकारी खरीद प्रणाली है, सिर्फ उन्हें ही इसका फायदा हो सकता है, लेकिन सरकार ने एमएसपी का लाभ सभी किसानों तक पहुंचाने का वादा किया था, जिसे पूरा करने के लिए खरीद प्रणाली व्यापक बनाने के लिए अहम बदलाव करने की जरूरत है। इसके लिए राज्य सरकारों को भी साथ खड़ा होना होगा, जिसके तहत मंडी कानून समेत कई और कानूनों में संशोधन करना होगा।

 

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में नई खरीद प्रणाली की रुपरेखा तैयार करने के लिए नौ वरिष्ठ मंत्रियों का एक समूह गठित किया गया था। मंत्री समूह ने सिफारिशें पेश कर दी है। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय के स्तर पर उन सिफारिशों पर अभी मुहर नहीं लग पाई है।

 

फिलहाल खाद्य मंत्रालय खाद्य सुरक्षा कानून पर अमल के लिए 6.11 करोड़ टन चावल और गेहूं की खरीद करता है। जबकि दालों की महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने दो साल पहले दालों का बफर स्टॉक बनाने का फैसला किया। इसके लिए सरकारी एजेंसी नैफेड और कुछ राज्य एजेंसियां खरीद करती हैं। जबकि मोटे अनाज की खरीद के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है।

 


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