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कर्नाटक सियासत: मैं जल्दबाजी में नहीं कर सकता फैसला, मुझे मेरी अंतर आत्मा को जवाब देना है-स्पीकर

कर्नाटक सियासत: मैं जल्दबाजी में नहीं कर सकता फैसला, मुझे मेरी अंतर आत्मा को जवाब देना है-स्पीकर

 

कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों ने आज सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक विधानसभा स्पीकर से मुलाकात की। इस दौरान बागी विधायकों ने अपना इस्तीफा स्पीकर को दोबारा सौंपा। इसके बाद स्पीकर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि मैं इस बात की जांच करुंगा कि वर्तमान राजनीतिक हालातों में ये इस्तीफे स्वेच्छा से बिना किसी दबाव के दिये गए हैं। उन्होंने कहा, मैं जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं कर सकता, मुझे मेरी अंतर आत्मा को जवाब देना है। मैं 70 साल का हूं, मैं किसी के दबाव में और किसी के पक्ष में काम नहीं कर सकता हूं।

स्पीकर ने कहा, जिन विधायकों ने इस्तीफे सही फॉर्मेट में नहीं दिए उनसे सही फॉर्मेट में इस्तीफे देने को कहा है, मेरी ये जिम्मेदारी है कि फैसला लेने से पहले मैं इस बात की जांच कर लूं की वर्तमान राजनीतिक हालातों में ये इस्तीफे स्वेच्छा से बिना किसी दबाव के दिये गए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा कर्नाटक के बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की मंजूरी दिए जाने के घंटों बाद वह विशेष विमान से बेंगलुरु पहुंच गए। ये विधायक मुंबई के एक लग्जरी होटल में रूके हुए थे।

बागी विधायक एचएएल हवाईअड्डे पहुंचने के बाद वहां से एक लग्जरी बस में राज्य सचिवालय के विधान सौंध की ओर रवाना हुए। 10 विधायक मुंबई से यहां आए जबकि कांग्रेस के एक नाराज विधायक मुनीरत्न इन विधायकों से विधान सौंध में मिले और उनके साथ अध्यक्ष के कक्ष में गए। इस्तीफा देने वाले 16 विधायकों में से 11 विधायक विधानसभा के अध्यक्ष के आर रमेश कुमार के कक्ष में अपना इस्तीफा देने गए।

 


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