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कोरोना से लेकर किसान आंदोलन तक, जानिए 2020 की उन बड़ी घटनाओं के बारे में जिनकी पूरे देश में उठी गूंज

कोरोना से लेकर किसान आंदोलन तक, जानिए 2020 की उन बड़ी घटनाओं के बारे में जिनकी पूरे देश में उठी गूंज

 

यूं तो हर साल हमारे साथ कुछ ऐसा घटता या होता है जिसके कारण हम उस साल को हमेशा याद रखते है। चाहे वो घटना अच्छी हो या बुरी पर ताउम्र हम उस वर्ष को याद रखते है। ऐसे में आज हम आपको साल 2020 से जुड़ी उन तमाम बड़ी घटनाओं के बारे में बताने जा रहे है जो आप और हम पूरी जिंदगी नहीं भूल सकते। तो आइए जानते है... 

- कोरोना वायरस और तबलीगी जमात 

साल 2020 में कोरोना वायरस महामारी ने देश के साथ-साथ पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। इस वर्ष में महामारी का कहर इस कदर बरपा कि देखते ही देखते 180 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले लिया। वही, बड़ी आबादी और स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था ने भारत की चिंता और बढ़ाई।ऐसे में कोरोना को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए गए और आगे भी किए जाते रहेंगे। पूरे देश की निगाहें अब कोरोना वैक्सीन पर टिकी हुई हैं। वही, कोरोना के कहर के बीच तबलीगी जमात का भी जिक्र हुआ। दिल्ली के निज़ामुद्दीन स्थित मरकज़ में मार्च में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हजारों की संख्या में देश और विदेश से लोग शामिल हुए।जब यह बात सामने आई कि बड़ी संख्या में जमाती कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, तो यह एक बड़ा मुद्दा बन गया।जिस्के बाद कोरोना वायरस के फैलाव में तबलीगी जमात और निज़ामुद्दीन मरकज़ का नाम सामने आने से इसको सियासी रंग दिया गया। 

- राम मंदिर शिलान्यास 

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने आखिकार अयोध्या में भव्य राम मंदिर का रास्ता तैयार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2020 में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी।वही, अब मंदिर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। मंदिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि आने वाले कई सालों तक भूकंप और प्राकृतिक आपदाओं का इस पर कोई असर न हो। 

- CAA के खिलाफ शाहीनबाग में विरोध-प्रदर्शन और दिल्ली दंगा 

साल 2019 के अंत में पेश नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) संसद की मंजूरी के बाद कानून तो बन गया, लेकिन इसका विरोध 2020 में भी नहीं थमा। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में पूर्वोत्तर से उठी आवाज 2020 की शुरुआत तक देशभर में विरोध प्रदर्शन की शक्ल ले चुकी थी। दिल्ली के शाहीनबाग में सीएए के खिलाफ लंबे समय तक प्रदर्शन चला और हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।इसमें अधिकांश महिलाएं धरने पर बैठी थीं। शाहीनबाग में प्रदर्शन का चेहरा बनी 82 साल की बिलकिस दादी।ऐसे में बिलकिस बानो को 100 सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों की अपनी सूची में शामिल किया है। वही, सीएए के विरोध में भड़की हिंसा फरवरी 2020 के आखिर तक दंगों में तब्दील हो गई। ऐसे में राजधानी के कई इलाकों में वाहनों में तोड़ फोड़, आगजनी और पत्थरबाजी हुई।यही नहीं पुलिस को भी निशाना बनाया गया।ऐसे में दिल्ली दंगों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हुए।दिल्ली के दंगे तो थम गए, लेकिन इन दंगों में अपनों को खोने का मर्म हमेशा बना रहेगा। 

- सुशांत सिंह राजपूत की मौत 

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने न सिर्फ बॉलीवुड इंडस्ट्री को बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया। साल 2020 के जून महीने में सुशांत सिंह राजपूत अपने फ्लैट में मृत पाए गए। जिसके बाद सुशांत की मौत ने बॉलीवुड में वंशवाद बनाम बाहरी की लड़ाई को हवा दी।कुछ दिन बाद सुशांत केस में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती का नाम उछला। सितंबर महीना आते-आते इस कहानी में ड्रग्स एंगल को लेकर जांच शुरू हुई और जांच का दायरा बढ़ता गया। ऐसे में Narcotics Control Bureau (एनसीबी) अब तक कई जानी-मानी हस्तियों से पूछताछ कर चुकी है और इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। वही, सुशांत के परिवार ने रिया पर पैसे ऐंठने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी।फिलहाल, सुशांत की मौत की जांच सीबीआई कर रही है और अब तक यह गुत्थी सुलझ नहीं पाई है।

- निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा 

दिसंबर 2012 में दिल्ली में चलती बस में निर्भया से सामूहिक बलात्कार की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। जिसके बाद निर्भया को न्याय दिलाने के लिए देश के कोने-कोने से आवाज उठी। लोग सड़कों पर उतरे। संसद में भी निर्भया केस की गूंज उठी।निर्भया कोई आम लड़की नहीं, बल्कि उस समय तक देश की बेटी बन चुकी थी। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग इंडिया गेट पहुंचे और निर्भया के गुनाहगारों को फांसी पर चढ़ाने की मांग की। वही, 2012 से अपनी बेटी के लिए न्याय और आरोपियों को फांसी पर लटकने की मांग कर रहे परिवार को साल 2020 में न्याय मिला।20 मार्च 2020 को निर्भया के चार गुनाहगारों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह को आखिरकार फांसी पर लटकाया गया।वही, निर्भया कांड के एक दोषी राम सिंह ने 2013 में तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। 

- अर्थव्यवस्था की बदहाल स्थिति 

अर्थव्यवस्था के लिहाज से साल 2020 काफी खराब रहा। अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध और अन्य वैश्विक एवं घरेलू कारकों के चलते सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी की गहरी मार पड़ी। कोरोना को काबू करने के लिए देश में लगाए गए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गईं। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। हाल ही में दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के जीडीपी आंकड़े जारी हुए। अनलॉक के तहत, आर्थिक गतिविधियों के फिर से चालू होने पर अर्थव्यवस्था की सेहत सुधरी है। जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी में 7.5 प्रतिशत का संकुचन देखा गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2020-21) के लिए जीडीपी में 7.5 फीसदी गिरावट का अनुमान जताया है। 

- किसान आंदोलन 

साल 2020 में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन ने सर्द मौसम में दिल्ली की सियासी तपिश बढ़ा दी है। दरअसल, केंद्र सरकार सितंबर महीने में 3 नए कृषि विधेयक लाई, जो संसद की मंजूरी और राष्ट्रपति की मुहर के बाद कानून बने।किसानों को ये कानून रास नहीं आ रहे हैं। जिसके बाद किसान 'दिल्ली चलो अभियान' के तहत राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में डेरा डाले हुए हैं और सरकार से लंबी लड़ाई को तैयार हैं। वे पर्याप्त राशन और जरूरत का सारा सामान लेकर दिल्ली से स्टे बॉर्डरों पर अभी भी डेट हुए हैं। इस बीच  किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता भी हुई, जो बेनतीज रही। दरअसल, किसानों को इन कानूनों से फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खत्म हो जाने का डर सता रहा है।

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