नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा आठ दिसंबर को आहूत भारत बंद को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने समर्थन देने की रविवार को पंजाबियों से गुजारिश की। बादल ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी कृषि संबंधी तीन कानूनों को निरस्त कराने के लिए किसानों के साथ काम करेगी। वही, केंद्र सरकार के खिलाफ 'अन्नदाता' की लड़ाई बताते हुए शिअद प्रमुख ने कहा, 'मुझे यकीन है कि आंदोलन केंद्र सरकार को किसानों की मांगों के आगे झुकने को मजबूर करेगा।'
एक बयान में बादल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार किसान संगठनों की मांगों पर फैसला करने में 'धीर-धीरे चल रही है' और 'जानबूझकर देरी कर रही है।' उन्होंने कहा कि किसान पिछले तीन महीनों से इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और अब वे बीते 11 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं।
Shiromani Akali Dal urges Punjabis to extend support to the December 8 #BharatBandh call given by Kisan organisations. Our workers will also work wholeheartedly to make this bandh a complete success and ensure repeal of the anti-farmer agricultural laws.#FarmerProtest pic.twitter.com/dypweclcYV
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) December 6, 2020
इसके अलावा सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ' प्रदर्शन में बुजुर्ग, महिला एवं बच्चे भी हिस्सा ले रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार अन्नदाता की आवाज नहीं सुन रही है और कड़ाके की सर्दी में उन्हें खुले में रखकर कष्ट दे रही है।' उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का किसानों पर 'जबरन' ये तीन कानून थोपना सही नहीं है।
शिअद प्रमुख ने आगे कहा, 'केंद्र सरकार ने कानूनों के प्रावधानों को लेकर किसानों से चर्चा नहीं की थी और अब जब किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें ये कानून स्वीकार्य नहीं हैं तो सरकार को झूठी शान पर खड़ा नहीं रहना चाहिए और तत्काल उन्हें निरस्त कर देना चाहिए।' उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के 'हठी' रवैये से अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी क्षुब्ध है। बादल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भी कहा है कि लोगों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार को कायम रखना चाहिए।
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