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रेप आरोपियों का एनकाउंटर, देश ने कहा मिला इंसाफ

रेप आरोपियों का एनकाउंटर, देश ने कहा मिला इंसाफ

 

राजन शर्मा

वैसे ये कहना गलत नहीं होगा कि आज का दिन भारतवासी दिवाली के रुप में मना रहे है। पटाखें जलाएं गए, मिठाईयां बांटी गई आपस में एक-दूसरे को गले लगाकर बधाईयां दी, यूं लगा मानों किसी रावणरुपी राक्षस का अंत हुआ हो ।

जी हां आज जैसे ही  सुबह न्यूज चैनलों ने हैदराबाद गैंगरेप के चारों आरोपियों के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर ब्रेक की लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों की खुशी न्यूज चैनलों पर दी जी रही बाईट से साफ देखी जा सकती थी। खासकर महिलाओं के चेहरे पर खुशी और उनके जोश से दिए जा रहे वकतव्यों से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि उन्हें कितने हर्ष की अनुभुति हो रही हैं।

दरअसल ये खुशी स्वभाविक इसलिए भी थी जिस तरह से पिछले कुछ दिनों देश में बलात्तकार की घटनाएं घट रही थी उसे लेकर लोगों में काफी रोष था। समाज में निरंतर यह गुस्सा पनप रहा था की इन घटनाओं में सलिंप्त अपराधियों को जल्द से जल्द सख्त सजा दी जाएं। शायद उसी का नतीजा है हैदराबाद एनकांउटर, जैसे ही लोगों को आज ये ज्ञात हुआ कि गैंगरेप के चारों आरोपी को तेलंगाना पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है देशवासी खुशी से झुम उठे।

पीड़िता के पिता ने भावुक होते हुए कहा मेरी बेटी की आत्मा को अब जरूर शांति मिली होगी। उनकी आंखों में आंसु थे, उन्होनें कहा मैं पुलिस और सरकार को इसके लिए आभार जताता हूं।

बता दें कि हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में 27 नवंबर की रात को चार ट्रक ड्राइवरों और क्लीनर ने मिलकर महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और जलाकर मारने जैसे अपराध को अंजाम दिया था। इस घटना के बाद से दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की मांग को लेकर देश भर में प्रदर्शन हो रहे थे।

लोगों की खुशी उस समय दोगुनी हो गई जब ये खबर आई की निर्भया केस के एक दोषी विनय वर्मा की दया याचिका जिसे की राष्ट्रपति के पास भेजा माफी के लिए भेजी गया है गृह मंत्रालय ने उस याचिका को खारिज करने की सिफारिश की है। राष्ट्रपति के याचिका खारिज करते ही निर्भया केस के सभी आरोपियों को सजा दिए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा।

याद रहे की 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका में एक प्राइवेट बस में अपने एक दोस्त के साथ चढ़ी 23 साल की पैरा मेडिकल छात्रा के साथ एक नाबालिग सहित छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था।

इसके बाद गंभीर रूप से घायल पीड़िता और उसके पुरुष साथी को चलती बस से महिपालपुर में बस से नीचे फेंक दिया गया था। पीड़िता का इलाज पहले सफदर जंग अस्पताल में चला, उसके बाद तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने बेहतर इलाज के लिए उसे विशेष विमान से सिंगापुर भेजा था, जहां वारदात के 13वें दिन उसने दम तोड़ दिया था।

इस दुष्कर्म कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। छह आरोपियों में से एक नाबालिग था, जिसे रिमांड होम भेजा गया था, वहीं एक अन्य आरोपी ने तिहाड़ जेल में खुद को फांसी लगा ली थी।

यह भी पढ़ें- हैदराबाद गैंगरेप के चारों आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया


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