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कोरोना संकट: बरवाला पहुंचे रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर साधा निशाना, कही ये बात

कोरोना संकट: बरवाला पहुंचे रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर साधा निशाना, कही ये बात

 

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला गुरुवार को बरवाला पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान सरकारी अस्पतालों, प्राइवेट अस्पतालों, पुलिस स्टेशन और मीडिया कर्मियों को मास्क वह सैनिटाइजर और उसी के साथ  पी पी किट बांटने की मुहिम चलाई हुई है। इसी के तहत वह आज बरवाला पहुंचे हैं।

इस दौरान उन्होंने कहा कि नर सेवा नारायण सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। आपको बता दें कि कोरोना से सख्ती से निपटा जा सके इसीलिए कांग्रेस पार्टी ने यह मुहिम चलाई है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जब देश के अंदर 562 कोरोना मरीज थे तब मोदी सरकार ने लॉकडाउन लागू कर दिया था, अब देश में पांचवा लॉकडाउन चल रहा है और दो लाख से अधिक संक्रमित मरीज देश में है, लेकिन अभी तक देश व प्रदेश की सरकार यह साफ नहीं कर पाई है  जनता को कि लॉकडाउन से बाहर कैसे निकाला जाए।

उन्होंने कहा कि 12 फरवरी को कांग्रेस ने कोरोना वायरस को लेकर 4 बार वार्निंग दी थी उस समय भाजपा सरकार ने कांग्रेस का मजाक उड़ाया था और सरकार अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि इस वायरस के कारण जो समाज पर आर्थिक मार पड़ी है इसे समाज को कैसे बाहर निकाला जाएगा। 

वही, शराब घोटाले पर रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि गृहमंत्री की कोई बात नहीं मानता प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद शराब घोटाले पर पर्दा डालने का काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब स्पेशल चार्ट एसआईटी को सौंप दी गई थी जिसके पास पूरी पावर थी तब सभी प्रकार की गिरफ्तारियां और रिकॉर्ड खंगालने का काम कर सकती थी उस टीम की बजाए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्पेशल इंक्वारी टीम को जांच का जिम्मा क्यों सौंपा जबकि उनके पास कोई रिकॉर्ड खंगालने की किसी की गिरफ्तारी की पावर ही नहीं है।

उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं मनोहर लाल खट्टर शराब घोटाले की जांच को दबाना चाहते हैं। इसके अलावा रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को निर्दई व निकम्मा मंत्री बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने ₹125 गेहूं का बोनस देने की बात कही थी लेकिन बाद में वह साफ तोड़कर मुकर गए किसानों की फसल के खरीदने का एक-एक दाने की बात हुई थी लेकिन किसान काफी दिनों तक मंडियों में पड़ा रहा और काफी फसल बारिश में खराब हो गई।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 1925 रुपए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बात हुई थी लेकिन बाद में सरकार ने नमी और चमक के नाम पर कटौती की गई। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने 24 घंटे के अंदर फसल की पेमेंट का भुगतान करने का वादा किया था लेकिन उस पर भी भाजपा सरकार खरी नहीं उतरी।

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