चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से जुड़े अनुमानों की सोमवार को तब पुष्टि हो गई, जब इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि लैंडिंग के बाद विक्रम तिरछा हो गया है, लेकिन टूटा नहीं है। वह सिंगल पीस में है और उससे संपर्क साधने की पूरी कोशिशें जारी हैं। इससे पहले इसरो के हवाले से आई खबरों में भी लैंडर के पलट जाने का अनुमान जताया गया था, लेकिन वह टूटा है या नहीं, इसकी जानकारी सामने नहीं आई थी।
इसरो के अधिकारी से एक और नई जानकारी सामने आई है कि लैंडर विक्रम चांद की सतह पर उतरने के लिए तय स्थान से काफी नजदीक उतरा। उसकी लैंडिंग काफी मुश्किलों भरी रही। चंद्रमा की कक्षा में मौजूद चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से इसरो को यह जानकारी मिली है। 7 सितंबर को चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चांद पर हार्ड लैंडिंग हुई थी। तब सतह को छूने से सिर्फ 2.1 किमी पहले लैंडर का इसरो से संपर्क टूट गया था।
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chief, K Sivan to ANI:We've found the location of #VikramLander on lunar surface&orbiter has clicked a thermal image of Lander. But there is no communication yet. We are trying to have contact. It will be communicated soon. #Chandrayaan2 pic.twitter.com/1MbIL0VQCo
— ANI (@ANI) September 8, 2019
मिशन के लैंडर और रोवर की लाइफ एक ल्यूनर डे यानी पृथ्वी के 14 दिन के बराबर है। शनिवार को इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कहा था कि हम अगले 14 दिन तक लैंडर और रोवर से संपर्क साधने की कोशिशें जारी रखेंगे। इसके बाद रविवार को चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर ने चांद की सतह पर लैंडर की कुछ तस्वीरें ली थीं।