जेएनयू की पूर्व छात्र नेता और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की नेता शेहला रशीद के कश्मीर के हालातों को लेकर किए गए दावों को भारतीय सेना ने खारिज कर दिया है। भारतीय सेना ने कहा कि शहला राशिद की तरफ से लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। इस तरह की फर्जी खबरें असामाजिक तत्वों और संगठनों की तरफ से जनता को उकसाने के लिए फैलाई जाती हैं।
कश्मीर के हालातों को लेकर शहला राशिद ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं, शहला ने कहा कश्मीर में हालात चिंताजनक है। सेना के जवान आम नागरिकों के घर में घुस रहे हैं और उन्हें सताया जा रहा है। शहला ने आगे लिखा, सुरक्षाबलों के जवान आधी रात में लोगों के घरों में घुसकर उन्हें उठा रहे हैं और घरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं। फर्श पर जानबूझकर राशन फैला रहे हैं और चावल के साथ तेल मिला रहे हैं।
शहला राशिद ने आगे कहा, जम्मू-कश्मीर पुलिस का कानून और व्यवस्था की स्थिति पर कोई अधिकार नहीं है। उन्हें शक्तिहीन बना दिया गया है। सब कुछ अर्धसैनिक बलों के हाथों में है। सीआरपीएफ के एक जवान की शिकायत पर एक एसएचओ का तबादला कर दिया गया।
शहला राशिद के इन दावों के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने उनके खिलाफ झूठ फैलाने और गुमराह करने का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की है। वकील ने शहला राशिद की गिरफ्तारी की मांग भी की है। वकील का कहना है कि शहला कश्मीर के हालातों को लेकर झूठ बोल रही हैं और नफरत फैलाने का काम कर रही हैं।
9) Armed forces are entering houses at night, picking up boys, ransacking houses, deliberately spilling rations on the floor, mixing oil with rice, etc.
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) August 18, 2019