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कोरोना की दूसरी लहर के बीच सरकार ने नागरिकों को दी सलाह, कहा- घर के भीतर भी लगाएं मास्क

कोरोना की दूसरी लहर के बीच सरकार ने नागरिकों को दी सलाह, कहा- घर के भीतर भी लगाएं मास्क

 

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से कोहराम मचा हुआ है। लोग अस्पतालों के बाहर जहां बेड और इलाज के लिए भटक रहे हैं। इस बीच सरकार की तरफ से मास्क को लेकर बड़ी बात कही गई है। सरकार ने सोमवार को कहा कि अब ऐसा समय आ गया है कि लोगों को घर के भीतर भी मास्क पहनकर रहना चाहिए और मेहमानों को अपने घरों में आमंत्रित नहीं करना चाहिए।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने कहा कि यदि घर में कोई संक्रमित व्यक्ति है, तो उसे मास्क पहनना ही चाहिए, ताकि घर के अन्य लोग उसके कारण संक्रमित न हों। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि मेहमानों को अपने घरों में आमंत्रित नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा, "बल्कि मैं तो यह कहूंगा कि अब समय आ गया है कि हम सामान्य तौर पर भी घर के भीतर मास्क पहनना शुरू करें। हम घर के बाहर मास्क लगाने के बारे में बात करते थे, लेकिन संक्रमण जिस तरह फैल रहा है, उसे देखते हुए यदि हम घर के भीतर किसी के भी पास बैठे हैं, तो भी हम मास्क पहनें।"

पॉल ने कहा, "यदि घर में कोई संक्रमित व्यक्ति है, तो उस व्यक्ति को और घर में रह रहे अन्य लोगों को भी मास्क लगाना चाहिए तथा संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखा जाना चाहिए।" वहीं, उन्होंने कहा कि यदि घर में इस प्रकार की सुविधा नहीं है, तो लोगों को पृथक-वास केंद्रों में जाना चाहिए। पॉल ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होना ही एकमात्र विकल्प नहीं है और ‘‘अस्पताल के बिस्तर जरूरतमंद लोगों के लिए होते हैं।"

इसके अलावा एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अस्पताल की सुविधाओं के इष्टतम उपयोग के लिए सामुदायिक भागीदारी अहम है और लोगों में अनावश्यक घबराहट के कारण लाभ के बजाए नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि सामान्य ऑक्सीजन स्तर और मामूली लक्षण वाले लोग भी अस्पतालों में भर्ती होना चाहते हैं, जिसके कारण वास्तव में जरूरतमंद मरीजों को अस्पतालों के बाहर इंतजार करना पड़ रहा है और उन्हें उचित उपचार नहीं मिल पा रहा।

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