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कमल हासन के बाद रजनीकांत ने कहा हिंदी किसी भी राज्य में नहीं थोपी जानी चाहिए

कमल हासन के बाद रजनीकांत ने कहा हिंदी किसी भी राज्य में नहीं थोपी जानी चाहिए

 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक देश एक भाषा के बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। अभिनेता कमल हासन के बाद अब रजनीकांत ने भी इसका विरोध किया है। बुधवार को अभिनेता रजनीकांत ने कहा कि हिंदी को न सिर्फ तमिलनाडु बल्कि दक्षिण भारत के किसी भी राज्य में नहीं थोपा जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा किया गया तो दक्षिण भारत के सभी राज्य इसका विरोध करेंगे।

रजनीकांत ने कहा, कॉमन भाषा देश की उन्नति के लिए अच्छी होगी लेकिन दुर्भाग्यवश भारत में कॉमन भाषा नहीं है। हिंदी को यदि थोपा जाता है तो इसे तमिलनाडु में कोई स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हिंदी को थोपा नहीं जाना चाहिए। सिर्फ तमिलनाडु ही नहीं बल्कि दक्षिणी राज्यों में से कहीं भी हिंदी को नहीं थोपा जाना चाहिए।

रजनीकांत ने कहा कि हिंदी देश की प्रगति के लिए एक सामान्य भाषा हो सकती है लेकिन इसे जबरन थोपना उन लोगों को स्वीकार्य नहीं है। आपको बता दें कि रजनीकांत से पहले अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने भी सोमवार को केंद्र सरकार को एक देश, एक भाषा को बढ़ावा देने के खिलाफ चेतावनी दी थी। एक विडियो जारी कर कमल ने अप्रत्यक्ष रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हमला करते हुए कहा है कि भारत 1950 में अनेकता में एकता के वादे के साथ गणतंत्र बना था और अब कोई शाह, सुल्तान या सम्राट इससे इनकार नहीं कर सकता है। बता दें कि अमित शाह ने हिंदी दिवस पर 'एक राष्ट्र, एक भाषा' की पैरवी की थी।
 


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