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वॉशिंगटन सुंदर बने मैन ऑफ द सीरीज, ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने

वॉशिंगटन सुंदर बने मैन ऑफ द सीरीज, ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने

 

नई दिल्ली : श्रीलंका में खेली गई निडास ट्रॉफी की सबसे बड़ी खोज टीम इंडिया के स्पिनर वॉशिंगटन सुंदर कहे जा सकते हैं. सुंदर इस पूरी सीरीज के सबसे चमकते सितारे बने. भुवनेश्वर और जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में जब टीम इंडिया को दूसरे तेज गेंदबाज कामयाबी नहीं दिला पाए, उस समय पारी की शुरुआत में ही वॉशिंगटन सुंदर ने अपनी टीम को कामयाबियां दिलाईं. इस सीरीज में वह सबसे किफायती गेंदबाज रहे.

वॉशिंगटन सुंदर ने टी-20 जैसे फॉर्मेट में 5.70 की स्ट्राइक रेट से रन दिए. उन्होंने 5 मैचों की 5 पारियों में सबसे ज्यादा 8 विकेट लिए. इसके लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज का खिताब दिया गया. वह दुनिया में सबसे कम उम्र में मैन ऑफ द सीरीज का खिताब पाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं.

 

वाशिंगटन सुंदर ने 18 साल 164 दिन की उम्र में ये कारनामा कर दिखाया है. जबकि अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में इससे पहले ये रिकॉर्ड पाकिस्तान के वकार यूनुस के नाम था. जिन्होंने साल 1990 में ऑस्ट्रेलिया-एशिया कप में ये रिकॉर्ड अपने नाम किया था. उस समय वकार की उम्र 18 साल 169 दिन थी.

इस प्रदर्शन के बाद रोहित ने भी सुंदर की काफी तारीफ की.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इस श्रृंखला में सुंदर की गेंदबाजी हमारे लिये जादुई रही. नयी गेंद से उसने जो प्रदर्शन किया वह बेजोड़ है. हर कोई पावरप्ले में गेंदबाजी करने का दबाव नहीं झेल सकता. यह नहीं भूलना चाहिए उसने इस दौरान विकेट भी लिये. उसने किसी भी प्रतिद्वंद्वी को पावरप्ले में रन नहीं बनाने दिये.’’

सुंदर को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया और उन्होंने कहा कि पावरप्ले में गेंदबाजी करना चुनौतीपूर्ण था.

इस ऑफ स्पिनर ने कहा, ‘‘यह मेरे लिये काफी मायने रखता है विशेषकर इतनी कम उम्र में इस तरह का पुरस्कार हासिल करना. यह (पावरप्ले में गेंदबाजी करना) चुनौतीपूर्ण भूमिका है लेकिन जब आप अपने देश के लिये खेलते हो तो यह सम्मान होता है.’’

 


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