पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार पर पंजाब के साथ 'सौतेला' व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को दिल्ली में धरना दिया। अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब से कांग्रेस के सभी विधायकों और सांसदों ने जंतर मंतर पर धरना दिया।
इस दौरान सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वह दिल्ली में केंद्र के साथ टकराव नहीं बल्कि गरीब किसानों के लिए इन्साफ के लिए आए हैं जिनकी रोजी-रोटी केंद्रीय कृषि कानूनों के कारण खतरे में पड़ी हुई है। उन्होंने दिल्ली में जंतर मंतर पर धरने के दौरान कहा कि वे यहां शान्ति भंग करने नहीं बल्कि इसकी सुरक्षा के लिए आए हैं।
उन्होंने कहा, 'हमें तथा पंजाब के विधायकों को दिल्ली में धरना देने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि राष्ट्रपति ने उन सभी से मिलने के लिए समय नहीं दिया और उनकी मुलाकात को इस आधार पर रद्द कर दिया कि राज्य के खेती संशोधन बिल अभी राज्यपाल के पास पड़े हैं।' पंजाब के सीएम के साथ धरने में लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरनजीत सिंह बैंस, पंजाबी एकता पार्टी के विधायक सुखपाल खैरा और शिरोमणि अकाली दल (डी) के विधायक परमिंदर सिंह ढींडसा भी धरना प्रदर्शन में शामिल हुए।
[Live] Addressing media at Jantar Mantar. I have made it clear that Centre's attitude towards our farmers and undermining the State’s rights is not correct. As Chief Minister, it is my duty to protect the rights of my State and my people. https://t.co/U0aGNKwA7e
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 4, 2020
वही, आम आदमी पार्टी को धरने में शामिल नहीं होने को लेकर अमरिंदर सिंह ने कहा कि क्योंकि दिल्ली में उनकी सरकार ने किसानों को बचाने के लिए संशोधन विधेयक पारित नहीं किए। बता दें कि कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि केंद्र द्वारा हाल ही में लाए गए कृषि कानून किसानों के हितों के विरोधी हैं और कार्पोरेट घरानों के हित में हैं। हालांकि केंद्र ने जोर दिया है कि नए कानून किसानों के हित में हैं।
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