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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया राष्ट्र को संबोधित

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया राष्ट्र को संबोधित

 

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने देश और विदेश में बसे भारत के सभी लोगों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी साथ ही लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी चर्चा की। अपने संबोधन की शुरुआत राष्‍ट्रपति ने 71वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं के साथ की।

अपने संबोधन में राष्‍ट्रपति ने सरकार की कई योजनाओं जैसे उज्‍ज्‍वला योजना, आयुष्‍मान योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इनका लाभ अब करोड़ों देशवासियों को मिल रहा है। उन्‍होंने इसरो की भी तारीफ की और कहा कि आज इसकी उपलब्धियों पर हम सभी देशवासियों को बहुत गर्व है।

हमारे संविधान ने हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान किए हैं। लेकिन संविधान के अंतर्गत ही, हम सब ने यह ज़िम्मेदारी भी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता और समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतान्त्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें। जन-कल्याण के लिए, सरकार ने कई अभियान चलाए हैं। यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि नागरिकों ने, स्वेच्छा से उन अभियानों को, लोकप्रिय जन-आंदोलनों का रूप दिया है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की उपलब्धियां गर्व करने योग्य हैं। लक्ष्य को पूरा करते हुए, 8 करोड़ लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है। ऐसा होने से, जरूरतमंद लोगों को अब स्वच्छ ईंधन की सुविधा मिल पा रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' के माध्यम से लगभग 14 करोड़ से अधिक किसान भाई-बहन प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की न्यूनतम आय प्राप्त करने के हकदार बने हैं। इससे हमारे अन्नदाताओं को सम्मानपूर्वक जीवन बिताने में सहायता मिल रही है। मुझे विश्वास है कि ‘जल जीवन मिशन' भी ‘स्वच्छ भारत अभियान' की तरह ही एक जन आंदोलन का रूप लेगा।

जीएसटी के लागू हो जाने से एक देश, एक कर, एक बाजार की अवधारणा को साकार रूप मिल सका है। इसी के साथ ई-नाम योजना द्वारा भी एक राष्ट्र के लिए एक बाजार बनाने की प्रक्रिया मजबूत बनाई जा रही है, जिससे किसानों को लाभ पहुंचेगा। हम देश के हर हिस्से के सम्पूर्ण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, चाहे वह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हो, पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य हों या हिंद महासागर में स्थित हमारे द्वीप-समूह हों। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो की उपलब्धियों पर हम सभी देशवासियों को बहुत गर्व है।

देश की सेनाओं, अर्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों की मैं मुक्त-कंठ से प्रशंसा करता हूं। देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने में उनका बलिदान, अद्वितीय साहस और अनुशासन की अमर गाथाएं प्रस्तुत करता है। प्रवासी भारतीयों ने भी सदैव देश का गौरव बढ़ाया है. कई प्रवासियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

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