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पंजाब में यूएपीए कानून पर गरमाई सियासत : कैप्टन अमरिंदर बोले- राजनीतिक नाटकबाजी बंद करें बादल

पंजाब में यूएपीए कानून पर गरमाई सियासत : कैप्टन अमरिंदर बोले- राजनीतिक नाटकबाजी बंद करें बादल

 

पंजाब में यूएपीए कानून को लेकर राजनीति गरमा गई है। यहां राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। इसी बीच कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) जैसे आतंकवाद रोधी कानून के कथित दुरुपयोग पर 'राजनीतिक नाटकबाजी' में लिप्त रहने के बजाय भारत विरोधी ताकतों से अलगाववाद के खतरे पर अपने आंखें खोलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने बादल के आरोपों के कुछ दिन बाद पलटवार किया है। बादल ने राज्य पुलिस पर आतंकवाद रोधी कानून का दुरुपयोग करने और साधारण से अपराधों के लिए सिख युवकों को अंधाधुंध तरीके से गिरफ्तार करने का आरोप लगाया था।

मुख्यमंत्री ने खालिस्तान समर्थक संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' के 'जनमतसंग्रह 2020' को कनाडा के बाद ब्रिटेन द्वारा भी खारिज किये जाने का स्वागत करते हुए बादल के आरोपों पर पलटवार किया। ब्रिटेन ने कहा कि वह इस अनधिकृत और गैर-बाध्यकारी जनमत संग्रह में किसी भी तरह से शामिल नहीं है और भारतीय पंजाब को भारत का हिस्सा मानता है। ब्रिटेन के बयान का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने हैरानी जताई कि बादल पाकिस्तान समर्थित सिख फॉर जस्टिस संगठन तथा भारत, खासकर पंजाब को अस्थिर करने के लिए काम कर रहीं अन्य आतंकी एवं चरमपंथी ताकतों के खतरे को लेकर लगातार आंखें मूंदे हुए हैं।

उधर, सुखबीर सिंह बादल ने कैप्‍टन अमरिंदर पर पलटवार किया। सुखबीर ने कहा कि कैप्‍टन अमरिंदर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वाली मानसिकता न दिखाएं। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इंदिरा गांधी वाली मानसिकता को दोहराना चाहते हैं। वह हर निर्दोष सिख युवा को संभावित आतंकवादी और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं अखंडता के लिए खतरा बता रहे हैं।

 


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