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नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी का बयान, आर्थिक क्षेत्र का बुरा हाल, ना सरकार के पास पैसा

नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी का बयान, आर्थिक क्षेत्र का बुरा हाल, ना सरकार के पास पैसा

 

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को लगता है कि प्रभावी शासन के लिए मजबूत विपक्ष महत्वपूर्ण है, ताकि अच्छे काम के लिए सरकार पर दबाव डाला जा सके। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के एक सत्र में उन्होंने कहा, जब विपक्ष बिखरा हुआ और कमजोर होगा, तब ऐसे हालात में सरकार सोच सकती है कि वह कुछ भी कर सकती है। लोकतंत्र मजबूत विपक्ष की अपेक्षा रखता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के तनावपूर्ण बिंदुओं की चर्चा करते हुए बनर्जी ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र का हाल बुरा है। उन्होंने कहा, बैंकों का जो हाल है, हम जानते हैं और तथ्य यह है कि सरकार के पास पैसा नहीं है। उत्पादित वस्तुओं की मांग में भारी कमी है। यह इस तथ्य से जुड़ा है कि लोगों के पास पर्याप्त पैसा नहीं है, इसलिए वे खर्च नहीं कर रहे हैं।

देश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य से जुड़े किसी सवाल का जवाब देने से इनकार करते हुए बनर्जी ने कहा कि शहरी क्षेत्र में मंदी का समूची अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना लाजमी है। उन्होंने कहा, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था शहर पर निर्भर है जो देश में रहने वालों को रोजगार देता है। इसलिए शहरी क्षेत्र के लुढ़कने का असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।

ऐसे समय में, जब लगभग सभी राजनीतिक पार्टियां खासकर चुनाव के समय ज्यादा सब्सिडी देने का वादा करती हैं, बनर्जी ने कहा कि यह गरीबों के लिए महत्वपूर्ण है, मगर ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा, जब ये सब्सिडी उन्हें दी जाती है, जिन्हें इसकी जरूरत नहीं है तब स्थिति बहुत भ्रमकारी बन जाती है। गरीबी उन्मूलन के विशेषज्ञ माने जाने वाले अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत की स्थिति में संतोषजनक सुधार तब आएगा, जब गरीबी में कमी आएगी।

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