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मोहम्मद कैफ ने लिया क्रिकेट से संन्यास, लिखा भावुक संदेश

मोहम्मद कैफ ने लिया क्रिकेट से संन्यास, लिखा भावुक संदेश

 

भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने शुक्रवार को सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास ले लिया। टीम इंडिया की ओर से आखिरी मैच खेलने के करीब 12 साल बाद इस निचले क्रम के बल्लेबाज ने सभी तरह के प्रतिस्पर्धी क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 

37 वर्षीय कैफ को लॉर्ड्स पर 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल में 87 रन की मैच जिताने वाली पारी के लिए जाना जाता है। इस पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार भी मिला था।13 जुलाई को ही कैफ ने यादगार पारी खेली थी और 13 जुलाई को ही संन्यास लिया।

कैफ ने बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना और कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी को ईमेल भेजकर लिखा ,‘‘ मैं आज सभी तरह के प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं ।’’ इसके अलावा कैफ ने अपने ट्विटर पेज पर जज्बाती संदेश लिखकर यह ऐलान किया । उन्होंने लिखा ,‘‘ 13 जुलाई को यह घोषणा करने का कारण है। हम सभी के पेशेवर जीवन में ऐसा पल आता है जो हमारी पहचान बन जाता है ।सोलह बरस पहले 13 जुलाई 2002 को लाडर्स पर हमने वह पल जिया । इसी दिन खेल को अलविदा कहना सही लगा ।’’ सैतीस बरस के कैफ ने 13 टेस्ट, 125 वनडे खेले थे और उन्हें लाडर्स पर 2002 में नेटवेस्ट ट्राफी फाइनल में 87 रन की मैच जिताने वाली पारी के लिये जाना जाता है।

ग्यारह बरस की उम्र में कानपुर के ग्रीनपार्क होस्टल से अपने कैरियर का आगाज करने वाले कैफ विश्व कप 2003 में फाइनल खेलने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे । युवराज सिंह के साथ वह अंडर 19 क्रिकेट से चमके थे । उन्होंने लिखा ,‘‘ 13 जुलाई 2002 सबसे अलग था । वीरू, सचिन पाजी, दादा और राहुल पवेलियन लौट चुके थे और 326 रन असंभव लग रहे थे ।’’ कैफ ने आगे लिखा ,‘‘ मेरे अपने परिवार ने मैच छोड़कर मूवी लगा दी और बाकी का मैच देखा ही नहीं । मुझे और युवराज को किसी ने नहीं कहा था कि हम हारने वाले हैं और हम जीतने के लिये ही खेले ।’

उन्होंने कहा,‘‘ लाडर्स पर वह जीत बहुत खास थी और उसका हिस्सा बनना यादगार रहा ।’’ उन्होंने आगे लिखा ,‘‘ क्या मुझे कोई खेद है।हां, अगर ऐसा नहीं होगा तो मतलब मैं इंसान नहीं हूं । काश मैं भारत के लिए लंबे समय तक खेल पाता । काश ऐसी व्यवस्था होती जिसमें 25 बरस के अंतर्मुखी लड़के से कोई पूछता कि वेस्टइंडीज श्रृंखला में नाबाद 148 रन बनाने के बावजूद वह फिर कोई टेस्ट क्यो नहीं खेला ।’’ उन्होंने लिखा ,‘‘ मलाल याद नहीं रहते क्योंकि भारत के लिये खेलने की यादें इतनी सुनहरी है कि जिंदगी उनके नूर से रोशन रहती है।’’

उत्तर प्रदेश के लिए रणजी ट्राफी जीतने वाले कैफ ने आखिरी प्रथम श्रेणी मैच छत्तीसगढ के लिये खेला था । सौरव गांगुली की अगुवाई में भारतीय टीम जब भारतीय क्रिकेट के इतिहास के सुनहरे पन्ने लिख रही थी तो युवराज के साथ कैफ उसका अभिन्न अंग थे । कैफ ने 13 टेस्ट में 32 की औसत से 2753 रन बनाये । वहीं 125 वनडे में उनका औसत 32 रहा । कैफ हिन्दी क्रिकेट कमेंटेटर के रूप में कैरियर की दूसरी पारी शुरू कर चुके हैं।


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