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Lockdown Effect: मंहगाई और बेरोजगारी के कारण हिमाचल में बढ़ती आत्महत्याएं बनी चिंता का कारण

Lockdown Effect: मंहगाई और बेरोजगारी के कारण हिमाचल में बढ़ती आत्महत्याएं बनी चिंता का कारण

 

कांग्रेस महासचिव महेश्वर चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों पर आर्थिकी के दृष्टिकोण से लॉकडाउन काफी भारी पड़ा है। लॉकडाउन के दौरान हिमाचल में अप्रैल और मई महीने में लगभग 125 लोगों द्वारा आत्महत्याएं की गई हैं जिनमें मुख्यत: व्यापारी और बेरोजगार युवा थे। निश्चित तौर पर हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्य में दो महीनों के भीतर 125 लोगों द्वारा आत्महत्या करना एक बहुत बड़ा आंकड़ा है और यह एक गंभीर चिंता का विषय है।

सरकार को इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए मालूम करना चाहिए था कि किन कारणों से ये आत्महत्याएं हो रही हैं? क्या वे लोगे अपने भविष्य को लेकर चिंतित थे, क्या  इस लॉकडाउन के दौरान उन्हें सैलरी इत्यादि मिल रही थी या ऐसी क्या वजह थी कि इतने छोटे से अंतराल में इतनी ज्यादा आत्महत्याएं हो गई? सरकार को इस बात पर गौर करना चाहिए था परंतु सरकार द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कोरोना की वजह से नौजवानों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा है और आज वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

कोरोना काल में बेरोजगारों के लिए कोई विशेष एक्शन प्लान और ठोस नीति का निर्धारण किया जाना चाहिए ताकि  प्रदेश में इन आत्महत्याओं के बढ़ते आंकड़े पर लगाम लगाई जा सके। बेरोजगार युवाओं के भविष्य को किस तरह सुरक्षित किया जा सकता है, उनके लिए क्या-क्या योजनाएं बनाई जा सकती हैं, इस दिशा में  तुरंत प्रभावी कदम उठाने की  आवश्यकता है। 

महेश्वर चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन राज्य के रूप में पूरे विश्व में जाना जाता है परंतु इस कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान भी इसी  पर्यटन के क्षेत्र को हुआ है। हिमाचल प्रदेश के लगभग 6 लाख परिवारों की आजीविका सीधे तौर पर पर्यटन से जुड़ी हुई है परंतु सरकार पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए कोई भी योजना अभी तक धरातल पर नहीं उतार पाई है और पर्यटन क्षेत्र पूरी तरह तहस-नहस हो गया है।

सरकार द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में  कोई आर्थिक सहायता  नहीं दी गई है और पर्यटन को पुर्नस्थापित करने के लिए मात्र कोरी घोषणाएं की जा रही हैं जोकि पर्यटन उद्योग के साथ एक खिलवाड़ है। सरकार द्वारा होटल्स के 6 महीने के बिजली, पानी के बिल  माफ करने और सस्ती दरों पर होटलियर्ज के लिए लोन की व्यवस्था करने की बात भी मात्र घोषणा बन कर रह गई है।

हिमाचल प्रदेश के पर्यटन को सुदृढ़ करने की दिशा में सरकार पर्यटन से जुड़े लोगों को अभी तक किसी भी तरह की राहत देने में विफल रही है। जब तक हिमाचल का पर्यटन उद्योग सुदृढ़ नहीं होगा प्रदेश की आर्थिकी पटरी पर नहीं आ सकती। उन्होंने  चिंता प्रकट करते हुए कहा कि पैट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें भी मंहगाई का एक मुख्य कारण है। आज हिन्दुस्तान पूरे विश्व के अंदर पैट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स लेने वाला देश बन गया है। जब भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में थी तो पैट्रोल-डीजल की कीमतों पर हर रोज प्रदर्शन किया करती थी  परंतु जब आज पैट्रोल-डीजल की कीमतें चरम पर हैं तो  आज सरकार खामोश क्यों बैठी हुई है? 

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