होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

500 करोड़ से ज्यादा का काला धन उजागर, 'कल्कि भगवान' के ठिकानों पर आयकर का छापा

500 करोड़ से ज्यादा का काला धन उजागर, 'कल्कि भगवान' के ठिकानों पर आयकर का छापा

 

बेंगलुरू। कलियुग में धर्म के नाम पर ठोंगी बाबाओं द्वारा लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ जारी है। पुलिस और आयकर विभाग के छापों में इन बाबाओं का 'काला सच' दुनिया के सामने आ जाता है। ऐसे ही बेंगलुरू में एक बाबा यहां मारे गए छापें में करोड़ों रुपए बरामद किए गए। खुद को 'कल्कि भगवान' (Kalki Bhagwan) कहने वाले विजय कुमार नायडू के 40 से अधिक ठिकानों पर जब आयकर विभाग ((Income tax department)) ने छापेमारी की तो वह हैरान रह गई।

आयकर विभाग के एक बयान जारी कर शुक्रवार को बताया गया कि अघोषित आय में 409 करोड़ की बेहिसाब प्राप्ति रसीदें (कैश रीसिप्ट) शामिल हैं। छापे के दौरान 43.9 करोड़ रुपये की नकदी व 18 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की अमेरिकी मुद्रा भी जब्त की गई है। इस तरह कुल 93 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां जब्त की गई हैं। इनमें 88 किलो सोने के गहने शामिल है, जिनकी कीमत 26 करोड़ रुपये है और करीब पांच करोड़ रुपये के 1,271 कैरेट हीरे शामिल हैं।

बयान के मुताबिक, बुधवार को आध्यात्मिक गुरु द्वारा स्थापित कंपनियों व ट्रस्टों के 40 ठिकानों पर छापेमारी की गई। इनमें चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु और आंध्र प्रदेश का वरदैयापालम शामिल हैं। कंपनी व ट्रस्टों के ठिकानों पर छापेमरी अब भी जारी हैं। आध्यात्मिक गुरु की कंपनियों के द्वारा कल्याण पाठ्यक्रम (वेलनेस कोर्सेज) का संचालन किया जाता हैं। एकात्म दर्शन पर आधारित इन पाठ्यक्रमों व प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन वरदैयापालम, चेन्नई व बेंगलुरु स्थित कई आवासीय परिसरों में होता है। इनके अनुयायियों में कई देशों के विदेशी भी शामिल हैं, जो इन जगहों पर आकर रहते हैं और विदेशी मुद्रा में फीस का भुगतान करते हैं।

रियल स्टेट, निर्माण व देश-विदेश में खेल के क्षेत्रों से जुड़े इस समूह का संचालन आध्यात्मिक गुरु व उनके पुत्र के द्वारा किया जाता हैं। आयकर विभाग ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर छापे की यह बड़ी कार्रवाई शुरू की गई। बताया गया था कि समूह उन सभी प्राप्तियों को छिपा रहा है, जिनका निवेश विदेशों और आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु की संपत्तियों में किया गया है। छापेमारी के दौरान समूह की तरफ से संचालित किए जाने वाले विभिन्न केंद्रों व आश्रमों की प्राप्तियों को नियमित रूप से छिपाए जाने के सबूत भी मिले हैं। ये सबूत एक प्रमुख कर्मचारी के पास से बरामद हुए, जो कैश कलेक्शन का ब्योरा रखता है। उसने सारे कैश कलेक्शन को खाते से अलग रखा था, जिससे उस राशि का निवेश अन्य कहीं किया जा सके। इस बात का भी पता चला है कि समूह ने संपत्तियों की बिक्री के जरिये भी अघोषित आय अर्जित की है। पहली नजर में वर्ष 2014-15 के बाद करीब 409 करोड़ की बेहिसाब प्राप्तियां सामने आई हैं।

आयकर विभाग करे मुताबिक आध्यात्मिक गुरु के समूह ने भारत के साथ-साथ टैक्स हैवेन देशों में भी निवेश किया है। इस समूह की कुछ कंपनियां चीन, अमेरिका, सिंगापुर व यूएई में भी हैं। इन कंपनियों के जरिये उन विदेशी ग्राहकों से पैसे वसूले जाते हैं, जो भारत में आवासीय पाठ्यक्रम में शामिल होने आते हैं।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, पान मसाले और गुटखा की बिक्री पर लगाया प्रतिबंध


संबंधित समाचार