विश्वभर में फैले कोरोना वायरस (कोविड-19 ) महामारी के बीच अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की तकनीकी समिति ने गेंदबाजों के गेंद पर मुंह की लार के इस्तेमाल पर रोक लगाने की सिफारिश की है। पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले के नेतृत्व वाली आईसीसी की समिति ने मुंह की लार के इस्तेमाल पर रोक लगाने की सोमवार को सिफारिश की। इसके अलावा समिति ने सभी अंतर्राष्ट्रीय मैचों में गैर-तटस्थ अम्पायर रखने और अतिरिक्त डीआरएस रेफरल अंतरिम आधार पर देने की सिफारिश की है।
कुंबले ने कहा, 'हम एक अभूतपूर्व समय से गुजर रहे हैं और समिति की सिफारिशें अंतरिम आधार पर की गयी हैं ताकि क्रिकेट को सुरक्षित आधार पर शुरू किया जा सके और सभी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमारे खेल के मूल्यों को भी बरकरार रखा जा सके।' कोरोना वायरस के कारण गेंदबाजों के गेंद पर मुंह की लार के इस्तेमाल पर रोक लगाने को लेकर वैश्विक बहस जारी है और इस दौरान समिति ने लार के इस्तेमाल पर रोक लगाने की सिफारिश की है।
👉 Use of saliva to shine ball is prohibited, sweat allowed
— ICC (@ICC) May 18, 2020
👉 Local umpires to be used for international fixtures
The ICC Cricket Committee has made recommendations for measures to be implemented for the return of international cricket 👇
बता दें कि कोरोना वायरस मुंह के सहारे फैलता है इसलिए सभी लोगों को मास्क लगाने की हिदायत दी गई है। गेंदबाज गेंद चमकाने के लिए मुंह की लार या पसीने का इस्तेमाल करते है। कोरोना के कारण सभी क्रिकेट गतिविधियां बंद हैं और इस बात को लेकर लगातार चर्चा चल रही थी कि कोरोना के बाद की परिस्थितियों में गेंदबाज को लार के इस्तेमाल की अनुमति दी जाए या नहीं क्योंकि इससे सुरक्षा का खतरा बढ़ जाएगा। तकनीकी समिति ने मुंह की लार के इस्तेमाल पर रोक लगाने की सिफारिश की है।
ऐसे में कई गेंदबाज लार पर रोक लगाने के खिलाफ थे और उनका मानना था कि इससे गेंद को सि्वंग मिलने में परेशानी होगी। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा का तो यह भी कहना था कि लार पर रोक लगाना गेंदबाजों के लिए आत्महत्या करना जैसा होगा। क्रिकेट में गेंदबाजों के लिए गेंद की चमक बनाये रखना काफी महत्वपूर्ण होता है जिससे उन्हें सि्वंग और रिवर्स सि्वंग मिलती है।
तकनीकी समिति ने अपनी सिफारिश देने से पूर्व आईसीसी की चिकित्सा सलाहकार समिति के प्रमुख डॉ पीटर हार्कोर से सलाह मांगी थी। समिति का यह भी कहना है कि पसीने के इस्तेमाल से कोरोना के फैलने की सम्भावना नहीं है इसलिए उसने गेंद पर पसीने के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाई है। समिति ने साथ ही कहा कि मैदान में हर तरफ सफाई, स्वच्छता और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए।
तकनीकी समिति ने सभी अंतर्राष्ट्रीय मैचों में गैर-तटस्थ अम्पायर रखने की सिफारिश भी की है। समिति ने सभी अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अम्पायर और मैच रेफरी के आवंटन की मौजूदा व्यवस्था में ढील देने की सिफारिश करते हुए कहा है कि भाग लेने वाले देशों के अधिकारियों को मैच अधिकारियों की जिम्मेदारी दी जाए जिससे अम्पायरों को कोरोना के समय में विदेश यात्रा करने से बचाया जा सके।
आईसीसी ने कहा कि कोरोना के कारण कई देशों की अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं बंद हैं, कमर्शियल फ्लाइट्स कम संख्या में उपलब्ध हैं और अनिवार्य क्वारंटीन का पालन करना है, इसलिए समिति सिफारिश करती है कि स्थानीय मैच अधिकारियों को अल्प अवधि के लिए नियुक्त किया जाए। ये नियुक्तियां आईसीसी द्वारा स्थानीय एलीट और अंतर्राष्ट्रीय पैनल रेफरी तथा अम्पायरों में से की जाएंगी।
जिस देश में कोई एलीट पैनल मैच अधिकारी नहीं होगा वहां स्थानीय सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय पैनल मैच अधिकारियों को नियुक्त किया जाए। समिति ने अतिरिक्त डीआरएस रेफरल अंतरिम आधार पर देने की सिफारिश भी की है। समिति ने सिफारिश की है कि हर फॉर्मेट में प्रति पारी अतिरिक्त डीआरएस रेफरल देने में अम्पायरों के बढ़ते पूल को टेक्नोलॉजी की मदद मिलेगी।
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