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हिमाचल तबादला नीति: कम नंबर वाले शिक्षकों का होगा दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों में तबादले

हिमाचल तबादला नीति: कम नंबर वाले शिक्षकों का होगा दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों में तबादले

 

हिमाचल प्रदेश में नई तबादला नीति के तहत कम नंबर लेने वाले शिक्षकों के प्रदेश के दुर्गम व जनजातीय क्षेत्रों में तबादले होंगे। तबादलों के लिए विभिन्न मानकों के आधार पर शिक्षा विभाग मार्किंग करेगा। नए शैक्षणिक सत्र से सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे। इन दिनों शिक्षा विभाग के अधिकारी नई तबादला नीति का प्रस्ताव तैयार करने में जुटे हुए हैं। प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाया जाएगा।

कैबिनेट के सुझाव और आपत्तियों के बाद नीति में बदलाव किया जाएगा। साल 2020 से प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के तबादले ऑनलाइन करने का फैसला लिया है। शिक्षा विभाग द्वारा तय की गई नई तबादला नीति के तहत हर शिक्षक की अभी तक की पोस्टिंग के आधार पर मार्किंग की जाएगी। सामान्य क्षेत्रों में नौकरी करने वाले शिक्षकों को कम अंक दिए जाएंगे जबकि दुर्गम व जनजातीय क्षेत्रों में सेवाएं दे चुके या दे रहे शिक्षकों को अधिक अंक मिलेंगे।

इसके अलावा नौकरी के बचे हुए सालों के आधार पर भी नंबर दिए जाएंगे। तबादलों के दौरान अधिक अंक प्राप्त करने वाले शिक्षकों को सामान्य क्षेत्रों में नियुक्तियां मिलेंगी जबकि कम नंबर लेने वाले शिक्षकों को दूरदराज के क्षेत्रों में जाना पड़ेगा। तबादलों की दृष्टि से हिमाचल के 5 जोन बनाए जाएंगे। नौकरी के दौरान हर जोन में शिक्षक को सेवाएं देना अनिवार्य होगा। ए और बी जोन प्रदेश के सुगम क्षेत्र होंगे, जबकि सी, डी और ई दुर्गम, अति दुर्गम और जनजातीय क्षेत्र में आएंगे।

ए और बी जोन के सुगम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों को कम से कम पांच साल और अति आवश्यक होने पर सात साल के बाद बदला जाएगा। सी, डी और ई जोन में सेवाएं दे रहे शिक्षकों के तीन साल बाद तबादले होंगे। जेबीटी, क्राफ्ट एंड वोकेशनल, टीजीटी, हेडमास्टर, पीजीटी, प्रिंसिपल, असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर तबादला नीति की जद में आएंगे। जिला कैडर वाले शिक्षकों को जिलों में और स्टेट कैडर के शिक्षकों को पूरे प्रदेश में कहीं भी भेजा जा सकेगा।


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