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हिमाचल टेक्नोमैक घोटाला: ED ने मामले में शुरु की नियमित पड़ताल

हिमाचल टेक्नोमैक घोटाला: ED ने मामले में शुरु की नियमित पड़ताल

 

प्रदेश के 4300 करोड़ से ज्यादा के बहुचर्चित टेक्नोमैक घोटाले में सामने आए 2000 करोड़ के बैंक लोन घोटाले की प्रवर्तन निदेशालय ने नियमित पड़ताल शुरू कर दी है। जनवरी में सीआईडी की पहली चार्जशीट कोर्ट में पेश होने के बाद से ही ईडी ने मामले पर अपनी नजरें जमा दी थीं। सीआईडी ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर बीस से ज्यादा लोगों को नामजद किया था। अब ईडी ने मामले में बैंक लोन की रकम की मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है।

सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में ईडी ने लोन देने वाले बैंकों के संघ (कंसोटियम) और मामले की जांच करने वाले सीआईडी अधिकारियों से संपर्क साधा है। साथ ही बैंकों से लोन लेने से जुड़े दस्तावेज भी मांगे हैं। ईडी बैंक लोन राशि की मनी लांड्रिंग की जांच कर रहा है। साथ ही वह इस राशि के दूसरे प्रदेश या विदेश में निवेश की भी तह तक जाने में जुटा है।

4 साल पहले सीआईडी ने टेक्नोमैक कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ कर चोरी और बिजली बिल घोटाले से संबंधित दो मामले दर्ज किए थे। शुरुआत में जांच ठंडी रही, लेकिन पिछले दो साल में सीआईडी ने दोनों ही मामलों में करीब दो दर्जन लोगों को नामजद करते हुए सिरमौर की स्थानीय कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी।

इस चार्जशीट में बैंक लोन के घपले की बात सामने आई, जिसके बाद हिमाचल पुलिस से जानकारी मिलने पर प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में जांच शुरू कर दी। माना जा रहा है कि इस मामले में जेल में बंद कंपनी के आरोपी कर्मचारियों और फरार चल रहे एमडी राकेश शर्मा पर ईडी अपना शिकंजा कस सकता है।


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