हरियाणा (Haryana) के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने सोमवार को निर्देश दिया है कि एक नवंबर से सभी सरकारी स्कीम और सर्विस केवल परिवार पहचान पत्र (Family identity card) के जरिए सुनिश्चित किया जाए। इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय से एक बयान भी जारी किया गया है।
एक आधिकारिक बयान में बताया गया, हरियाणा परिवार पहचान अथॉरिटी की पहली मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही है। सीएम ने कहा कि प्राधिकरण यह सुनिश्चित करे कि सरकारी सुविधा का लाभ लेने की पात्रता रखने वाले सभी परिवारों के डाटा को वेरिफाई किया जाए। नए नियम को ध्यान में रखते हुए इस काम को प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।
खट्टर ने कहा, 'प्राधिकरण यह सुनिश्चित करें कि सभी सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के हकदार प्रत्येक पात्र परिवार के डाटा को सत्यापित किया जाए और जल्द से जल्द आवश्यक नियम और नीतियों का प्रारूप तैयार करें ताकि लाभार्थियों को समय बद्ध तरीके से सभी योजनाओं का लाभ मिल सके। '
क्या है परिवार पहचान पत्र?
उन्होंने आगे कहा कि परिवार पहचान पत्र प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के माध्यम से सभी लाभार्थियों तक कल्याणकारी योजनाएं पहुंचाना सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके अलावा यह सभी लाभार्थियों तक सिंगल यूनिक फैमिली आईडी भी मुहैया कराएगी, जिससे कि परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाई ना हो।
बैठक के दौरान एचपीपीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास गुप्ता ने मुख्यमंत्री को बताया कि अब तक 64 लाख से अधिक परिवारों ने पीपीपी पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। इनमें से 56 लाख से अधिक परिवारों ने हस्ताक्षर कर पंजीकृत डाटा की सहमती दे दी है। डाटा का सत्यापन अभी जारी है।
सरल पोर्टल के माध्यम से वर्तमान में दी जा रही 315 सेवाओं में से 286 सेवाओं को पीपीपी पोर्टल के साथ एकीकृत किया जा चुका है। इसके साथ ही पीडीएस और पेंशन योजनाओं के डाटा को भी पीपीपी पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है, जबकि संपत्ति आईडी के एकीकरण की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।
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