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CAG रिपोर्ट में खुलासा, खनन विभाग की लापरवाही और हरियाणा सरकार को लगा 1476 करोड़ रुपये का चूना

CAG रिपोर्ट में खुलासा, खनन विभाग की लापरवाही और हरियाणा सरकार को लगा 1476 करोड़ रुपये का चूना

 

हरियाणा के विभिन्न सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर CAG ने अपनी रिपोर्ट में उंगली उठाई है। मंगलवार को कैग की 31 मार्च 2018 को समाप्त वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखी गई। इसमें अनेक अनियमितताओं को उजागर किया गया है। सरकारी खर्च बढ़ा है, आमदनी कम हुई है और खनन माफिया और ठेकेदार पूरी तरह से बेलगाम हैं।

सरकारी विभागों के लापरवाही बरतने से सरकारी खजाने को राजस्व में बड़ी चपत लगी है। हरियाणा में नियमों के विरुद्ध खनन को कैग ने उजागर किया है, साथ ही ये भी बताया है कि कई जगह खनन माफिया ने नदी का बहाव तक बदल दिया है। खनन विभाग की लापरवाही के कारण सरकार को 1476 करोड़ रुपये की चपत लगी है। कैग ने खनन के लिए आवंटित स्थलों का निरीक्षण भी किया है। जिसमें पाया गया कि आवंटित स्थानों के बजाए माफिया ने दूसरी जगह खनन किया। ठेकेदारों के प्रति विभागों का रवैया ढुलमुल रहा है।

खनन विभाग ने खदान और खनिज विकास एवं पुनर्वास निधि में 49 करोड़ 30 लाख रुपये नहीं जमा करवाने वाले 48 ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। टेंडर राशि जमा नहीं करवाने वाले 84 में से 69 ठेकेदारों के खिलाफ भी कोई कदम नहीं उठाया गया। इन ठेकेदारों पर बकाया 347 करोड़ रुपये नहीं वसूले गए। रिपोर्ट के अनुसार राज्य का कुल व्यय 2013-14 से 2017-18 की अवधि के दौरान 89 प्रतिशत बढ़कर 46598 करोड़ से बढ़कर 88190 करोड़ हो गया।

 


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