होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

CWC बैठक: सोनिया गांधी की सरकार से मांग- कोरोना संकट से निपटने के लिए हर परिवार को मिले 7500 रुपये

CWC बैठक: सोनिया गांधी की सरकार से मांग- कोरोना संकट से निपटने के लिए हर परिवार को मिले 7500 रुपये

 

देश में बढ़ते कोरोना वायरस के कहर के बीच कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गुरुवार को हुई। इस बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में कोरोना संकट और लॉकडाउन से उपजे हालातों पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और किसानों की मदद के लिए तत्काल राहत की घोषणा की जानी चाहिए।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के पहले चरण में 12 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां खोई हैं। बेरोजगारी और बढ़ने की संभावना है क्योंकि आर्थिक गतिविधि पूरी तरह से ठप है। इस संकट से निपटने के लिए प्रत्येक परिवार को कम से कम 7,500 रुपये दिया जाना चाहिए।

सोनिया गांधी ने कहा कि तीन हफ्ते पहले हुई हमारी बैठक के बाद कोरोना वायरस महामारी काफी तेजी से फैली है और इसका प्रसार भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर अब भी फंसे हुए हैं, बेरोजगार हैं और घर लौटने को बेताब हैं। वह सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। संकट के इस दौर से बचे रहने के लिए उन्हें खाद्य सुरक्षा और वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराया जाना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र की तरफ से अभी आंशिक कदम उठाए गए हैं। जो करुणा, बड़ा दिल और सजगता दिखनी चाहिए थी उसका अभाव है।

उन्होंने कहा, 'हमने प्रधानमंत्री से बार बार आग्रह किया है कि कोरोना वायरस की जांच करने, मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और उन्हें पृथकवास में रखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि जांच अभी भी बहुत कम हो रही हैं और जांच किट की आपूर्ति भी कम है और जो उपलब्ध हैं वो भी अच्छी गुणवत्ता वाली नहीं है।' उन्होंने यह दावा भी किया कि पीपीई किट की संख्या कम और गुणवत्ता खराब है। बैठक में सोनिया ने आगे कहा कि जब पूरा देश कोरोनावायरस से लड़ रही है, उस वक्त बीजेपी मुल्क में नफरत का वायरस फैला रही है।

किसानों का मुद्दा उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से किसानों को सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चैन में आ रही दिक्कतों से किसानों बेहाल हैं और उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए। अगले चरण के खरीफ फसल के लिए भी किसानों को सुविधाएं मिले।

साथ ही, सोनिया ने सरकार से आग्रह किया, 'एमएसएमई क्षेत्र से करीब 11 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। वे हमारी जीडीपी में एक तिहाई का योगदान देते हैं। अगर उन्हें आर्थिक बर्बादी से बचाना है तो उनके लिए तत्काल विशेष पैकेज की घोषणा करनी होगी।'

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने बैठक में सरकार से सवाल किया कि केंद्र सरकार को इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है कि 3 मई के बाद स्थिति का प्रबंधन कैसे किया जायेगा। 3 मई के बाद वर्तमान प्रकृति का एक प्रकोप और भी विनाशकारी होगा। बता दें कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई इस बैठक में सीडब्ल्यूसी के सदस्य, स्थायी एवं विशेष आमंत्रित सदस्य और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।

यह भी पढ़ें- चंडीगढ़: PGI में दिल के छेद का इलाज करवा रही 6 महीने की बच्ची को हुआ कोरोना


संबंधित समाचार