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चीनी मोबाइल कंपनी वीवो नहीं होगी आईपीएल की स्पॉन्सर, विरोध के बाद बदला फैसला

चीनी मोबाइल कंपनी वीवो नहीं होगी आईपीएल की स्पॉन्सर, विरोध के बाद बदला फैसला

 

चीनी मोबाइल कंपनी VIVO इस साल IPL का हिस्सा नहीं रहेगी. जबकी अभी VIVO के कॉन्ट्रैक्ट में तीन साल का समय बचा है, इसलिए चीनी मोबाइल कंपनी 2021, 2022 और 2023 के IPL में फिर जुड़ेगी.आईपीएल में इस सीजन के लिए एक नया स्टैंडअलोन स्पॉन्सर होगा. जल्द ही IPL के नए स्पॉन्सर पर निर्णय लिया जाएगा.भारत-चीन विवाद का असर आईपीएल 2020 पर पड़ा है. भारत में चाइनीज प्रोडक्ट्स का कड़ा विरोध हो रहा है. बता दें कि वीवो एक चीनी फोन निर्माता कंपनी है.

गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच टकराव के बाद देश में मौजूदा भावनाओं के कारण बीसीसीआई को यह फैसला करना पड़ा है.चीनी स्मार्टफोन कंपनी ने 2018 में 2199 करोड़ रुपये की मोटी रकम खर्च कर 5 साल के लिए यह कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था. 2023 तक VIVO का IPL के साथ कॉन्ट्रैक्ट है.बता दें कि इससे पहले IPL के लिए चीनी प्रायोजकों के साथ बने रहने के BCCI के फैसले पर हैरानी जताते हुए स्वदेशी जागरण मंच (SJM) ने कहा था कि लोगों को IPL का बहिष्कार करना चाहिए.

SJM के सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने कहा था कि BCCI और IPL की संचालन समिति ने चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए भारतीय सैनिकों का अनादर किया है.महाजन ने कहा, ‘जब देश अर्थव्यवस्था को चीनी प्रभुत्व से मुक्त बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, सरकार चीन को हमारे बाजारों से दूर रखने के लिए सभी प्रयास कर रही है, ऐसे में आईपीएल यह फैसला देश की जनभावना के खिलाफ है.’महाजन ने कहा, ‘लोगों को इस क्रिकेट लीग का बहिष्कार करने पर विचार करना चाहिए.' महाजन ने बीसीसीआई और आईपीएल के आयोजकों से चीनी कंपनियों के साथ बने रहने के फैसले पर विचार करने की सलाह देते हुए कहा कि देश की सुरक्षा और गरिमा से बढ़कर कुछ भी नहीं है.


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