कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के डर के कारण देश में कई जेलों से कैदियों को छोड़ा जा रहा है। इस बीच भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आसाराम बापू की भी रिहाई की मांग की है। नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जेल की सजा काट रहे आसाराम बापू की अधिक उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए स्वामी ने उनकी रिहाई की मांग की है।
बता दें कि आसाराम बापू जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद है। बीते दिनों कोरोना के बहाने खुद को पैरोल पर छोड़े जाने की मांग को लेकर आसाराम के भूख हड़ताल पर बैठने की भी खबर आई थी। बताया जा रहा है कि आसाराम को कोरोना के कारण कैदियों के बीच डर लग रहा है। वही, सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सोमवार को एक ट्वीट किया, "यदि दोषी करार कैदियों को छोड़ा जा रहा है तो गलत तरीके से दोषसिद्ध करार 85 वषीर्य बीमार आसाराम बापू को पहले छोड़ना चाहिए।"
If convicted prisoners are being released by Government then the falsely found guilty and 85 year old ailing Asaram Bapu should be released first
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 30, 2020
आपको बता दें कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए कोरोना वायरस के खतरे के कारण जेलों के इंतजाम पर सवाल खड़े किए थे। इस दौरान क्षमता से कई गुना ज्यादा कैदियों के होने पर राज्य सरकारों को कुछ को पैरोल पर छोड़ने का सुझाव दिया था। पैरोल पर वे कैदी छोड़े जाते हैं जिनका जेल में चाल-चलन ठीक पाया जाता है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर अमल करे हुए उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में कैदियों को छोड़ने की कवायद चल रही है। वही, अब इसे देख सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी आसाराम बापू को छोड़ने की मांग उठाई है।
नाबालिग छात्रा ने आसाराम पर लगाया था दुष्कर्म का आरोप
दरअसल, जोधपुर के निकट स्थित आसाराम के मनाई आश्रम में रहने वाली एक नाबालिग छात्रा ने आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। एक अगस्त, 2013 को उजागर हुए इस मामले में 31 अगस्त, 2013 को आसाराम की इंदौर से गिरफ्तारी हुई थी। वहीं, 25 अप्रैल को जोधपुर की अदालत ने उन्हें नाबालिग से दुष्कर्म करने का दोषी माना था। तब से आसाराम बापू जेल में बंद हैं।
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