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मुंबई हमले की 11वीं बरसी आज, आतंकियों ने ली थी 160 से ज्यादा लोगों की जान

मुंबई हमले की 11वीं बरसी आज, आतंकियों ने ली थी 160 से ज्यादा लोगों की जान

 

मुंबई 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों के बम धमाकों और गोलीबारी से दहला गया था। इस आतंकी हमले को आज 11 साल हो गए हैं लेकिन यह भारत के इतिहास का वो काला दिन है जिसे कोई भूल नहीं सकता। इस हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

मुंबई हमलों की छानबीन से जो कुछ सामने आया है, वह बताता है कि 10 हमलावर कराची से नाव के रास्ते मुंबई में घुसे थे। इस नाव पर 4 भारतीय सवार थे, जिन्हें किनारे तक पहुंचते-पहुंचते ख़त्म कर दिया गया। रात के तकरीबन 8 बजे थे, जब ये हमलावर कोलाबा के पास कफ़ परेड के मछली बाजार पर उतरे। वहां से वे चार ग्रुपों में बंट गए और टैक्सी लेकर अपनी मंजिलों का रूख किया।

रात के तक़रीबन साढ़े नौ बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल में दो हमलावर घुसे और अंधाधुंध फ़ायरिंग शुरू कर दी। इनमें एक मुहम्मद अजमल क़साब था जिसे अब फांसी दी जा चुकी है। दोनों के हाथ में एके47 राइफलें थीं और पंद्रह मिनट में ही उन्होंने 52 लोगों को मौत के घाट उतार दिया और 109 को ज़ख़्मी कर दिया।

26/11 के तीन बड़े मोर्चे थे मुंबई का ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस। जब हमला हुआ तो ताज में 450 और ओबेरॉय में 380 मेहमान मौजूद थे। खासतौर से ताज होटल की इमारत से निकलता धुंआ तो बाद में हमलों की पहचान बन गया।

हमलों के दौरान दोनों ही होटल रैपिड एक्शन फोर्ड, मैरीन कमांडो और नेशनल सिक्युरिटी गार्ड कमांडो से घिरे रहे। तीन दिन तक सुरक्षा बल आतंकवादियों से जूझते रहे। इस दौरान, धमाके हुए, आग लगी, गोलियां चली। इस पूरे आंतकी हमले में पुलिस को अक जिंदा आंतकी अजमल क़साब को गिऱफ्तार किया था और 160 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।

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