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हरियाणा में बुजुर्गों की पेंशन का मामला लटका, अभी भी मिल रही पुरानी पेंशन

हरियाणा में बुजुर्गों की पेंशन का मामला लटका, अभी भी मिल रही पुरानी पेंशन

 

हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने सरकार बनने पर बुजुर्गों की पेंशन 3100 प्रति महीना और जेजेपी ने 5100 प्रति महीना करने का ऐलान किया था और प्रदेश में अब दोनों पार्टियों की गठबंधन की सरकार है। लेकिन अभी तक सरकार बनने पर बुजुर्गों और अन्य सामाजिक पेंशन लाभार्थियों को नई पेंशन का लाभ मिलना शुरू नहीं हुआ है और फिलहाल पुरानी पेंशन से ही गुजारा करना पड़ेगा।

हर साल की तरह खातों में पेंशन बढ़कर नहीं पहुंचेगी। अगले आदेशों तक उन्हें पुरानी पेंशन राशि से ही गुजारा करना पड़ेगा। राज्य में 27,39,365 पेंशन लाभार्थी हैं, जिनमें करीब 16.55 लाख बुढ़ापा और लगभग 7.21 लाख बेसहारा विधवा पेंशन लाभार्थी हैं। जबकि शेष आठ वर्गों के सामाजिक पेंशन लाभार्थी हैं।

बीजेपी ने घोषणा पत्र में इस बार पेंशन दो हजार से बढ़ाकर 3100 रुपये प्रतिमाह करने का वादा किया था। यानी बीजेपी सरकार बनने के बाद हर साल हरियाणा दिवस पर 200 रुपये पेंशन वृद्धि होनी तय थी। लेकिन इस बार बीजेपी-जेजेपी-निर्दलीयों की इस नई गठबंधन सरकार में पेंशन वृद्धि का मसला फिलहाल उलझा हुआ है, जिसके चलते इस बार हरियाणा दिवस पर होने वाली पेंशन वृद्धि नहीं हो पाई। अब देखने वाली बात ये होगी कि आखिरकर बीजेपी-जेजेपी इस मसले पर क्या फैसला करती है कि बुजुर्गों की पेंशन 3100 रुपये प्रतिमाह होगी या फिर  5100 रुपये होगी या फिर कोई बीच का रास्ता निकाला जाता है।


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