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केरल में जारी है सबरीमाला विवाद, तृप्ति देसाई के केरल पहुंचते ही एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल

केरल में जारी है सबरीमाला विवाद, तृप्ति देसाई के केरल पहुंचते ही एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल

 

कल देर रात भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक तृप्ति देसाई सात महिलाओं के साथ सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए पहुंची। तृप्ति के सबरीमाला मंदिर आने की खबर से ही कोच्चि एयरपोर्ट पर अफरा तफरी का माहौल बन गया। प्रदर्शनकारी रात से ही कोच्चि एयरपोर्ट के बाहर डटे रहे जिसकी वजह से तृप्ति के साथ पुणे से आई कोई महिला बाहर नहीं निकल पाई।

 

वार्षिक पूजा के लिए खोले जा रहे हैं मंदिर के पट

बता दें कल यानी शनिवार को वार्षिक पूजा ‘मंडाला मक्काराविल्लाक्कू’ के लिए मंदिर के पट दो महीने के लिए खोले जा रहे हैं लेकिन वार्षिक पूजा के मौके पर भी मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध हो रहा है।

 

तृप्ति देसाई का CM पिनरई विजयन को पत्र

बता दें तृप्ति ने शनिवार को मंदिर में दर्शन के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी थी। विरोध के बीच तृप्ति ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को हिंसा नहीं करनी चाहिए। अगर सरकार हमें सुरक्षा नहीं देगी, तब भी मंदिर जाएंगे। हमें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।

 

प्रदर्शन में BJP नेता एमएन गोपी भी शामिल

मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में भाजपा नेता एमएन गोपी भी शामिल थे। इस दौरान एमएन गोपी ने कहा कि हम तृप्ति देसाई और उनके साथियों को पुलिस या सरकारी गाड़ी में नहीं जाने देंगे। वे चाहें तो निजी गाड़ी लेकर यहां से निकल सकती हैं। अगर वे एयरपोर्ट से निकलती हैं तो रास्ते में उनका विरोध हो रहा है।

 

केरल सरकार की सर्वदलीय बैठक विफल

इससे पहले गुरुवार को केरल सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें प्रस्ताव रखा गया था कि महिलाओं के मंदिर में दर्शन के लिए अलग दिन तय कर दिया जाए। लेकिन ये बैठक विपक्षी पार्टियों कांग्रेस और भाजपा के वॉकआउट के चलते विफल हो गई। बता दें राज्य सरकार ने गुरुवार रात से ही 7 दिनों के लिए इलावुनकल, नीलक्कल, पंबा और शनिदानम में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है।

 

CM पिनराई विजयन का बयान
मामले में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने विपक्षी पार्टियों के वॉकआउट के बाद कहा- हम इस संभावना पर विचार कर रहे थे कि मंदिर में महिलाओं के दर्शन के लिए अलग दिन तय किया जाए। इसके लिए चर्चा की आवश्यकता थी। सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को दिए फैसले में साफ कहा है कि सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश दिया जाए। राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ कोई भी कदम नहीं उठा सकती। हालांकि, हम श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हैं। 

 

श्रद्धालुओं को चिंता करने की आवश्यकता नहीं – CM

इसके साथ ही विजयन ने कहा, "सरकार अड़ियल नहीं है, लेकिन हमारे पास सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अगर कल अदालत कोई और फैसला लेती है तो हम उसका अनुसरण करेंगे। जहां तक बात श्रद्धालुओं की है, उन्हें चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हम सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षा मुहैया करवाएंगे। सरकार को अदालत के फैसले का सम्मान करना है और श्रद्धालुओं को इस बात को समझना चाहिए।"

 

 


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