देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बार फिर मुख्यमंत्रियों के साथ लॉकडाउन को लेकर चर्चा की। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे सामूहिक प्रयासों का कुछ हद तक असर दिख रहा है। लॉकडाउन का भी प्रभाव पड़ा है, जिसका हमें लाभ देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में लॉक डाउन सबसे ज़्यादा कारगर रहा है और भारत दूसरे देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है।
मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले महीनों में कोरोना वायरस का प्रभाव दिखाई देगा, मास्क और फेस कवर हमारे जीवन का हिस्सा होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था को महत्व देना होगा और साथ ही COVID -19 के खिलाफ लड़ाई जारी रखनी होगी। उन्होंने प्रौद्योगिकी के उपयोग के महत्व पर अधिक से अधिक और सुधार उपायों को अपनाने के लिए समय का उपयोग करने पर जोर दिया।
PM underlined Lockdown has yielded positive results as country has managed to save thousands of lives in the past 1 1/2 months. He added India’s population is comparable to that of the combined population of several countries: PMO https://t.co/gQtqp19s0z
— ANI (@ANI) April 27, 2020
इस दौरान पीएम ने मुख्यमंत्रियों से मौसम में बदलाव के बारे में भी आग्रह किया - गर्मी और मानसून का आगमन और इस मौसम में संभावित रूप से बीमारियां हो सकती हैं। विदेशों में रहने वाले भारतीयों को वापस लाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए कि वे असुविधाजनक नहीं हैं और उनके परिवार किसी भी जोखिम में नहीं हैं।
पीएम मोदी ने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर भी जोर दिया कि COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में देश के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक लोग AarogyaSetu ऐप डाउनलोड करें।
PM Modi emphasized on the significance of ensuring that more people download the AarogyaSetu app to bolster the efforts of the country in the battle against COVID-19: PMO on PM's meeting with CMs https://t.co/2npnupDKsU
— ANI (@ANI) April 27, 2020
लॉकडाउन पर आगे की रणनीति बनाने को लेकर बुलाई गई इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरी सभी मुख्यमंत्रियों से निजी तौर पर बात होती रहती है, लेकिन सामूहिक तौर पर ये हमारा चौथा संवाद है। इसके अलावा इस दौरान हिमाचल और मेघालय को छोड़कर सभी राज्यों ने लॉकडाउन को खत्म करने की सलाह दी।
वही, बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय एवं अन्य संबद्ध मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में राज्यों द्वारा कोरोना को लेकर अपने विचार रखे गए। संवाद के दौरान मेघालय के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से लॉकडाउन को तीन मई के आगे बढ़ाने का सुझाव दिया।
वहीं, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पर्यटन और तीर्थयात्री लॉकडाउन से बहुत प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम के हस्तक्षेप से हम जल्द ही अपने उद्योग और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर पाएंगे। सभी एहतियाती उपायों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, व्यापार और व्यापार गतिविधियां चरण-वार तरीके से शुरू होनी चाहिए। हमें धीरे-धीरे स्थिति को सामान्य करने के लिए लोगों के जीवन को आसान बनाना होगा।
इसके अलावा मिजोरम के मुख्यमंत्री ने इस बारे में बात की कि लॉकडाउन के बाद केंद्र के निर्देशों का किस तरह पालन होगा। हालांकि कोरोना वायरस को लेकर जारी पीएम नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन शामिल नहीं हुए हैं। सूत्रों के हवाले से कहा कि केरल ने अपने सुझाव लिखित में दिए हैं।
वही, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने राज्य के स्वास्थ्य संबंधी योद्धाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) और अन्य चिकित्सा उपकरण प्रदान करने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने पर उद्योग शुरू करने की इच्छा व्यक्त की और कोविद -19 से लड़ने के लिए भारत सरकार से वित्तीय सहायता मांगी।
चर्चा में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि वह लॉकडाउन जारी रखने के पक्ष में हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आर्थिक गतिविधियों को इजाजत दी जाए। पटनायक ने कहा, 'मैं केंद्र सरकार से विनती करता हूं कि हम अर्थव्यवस्था के उपायों को शुरू करें क्योंकि हम बीमारी पर लगाम लगाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।'
इसके अलावा इस बैठक में राज्य के आर्थिक पुनरुद्धार के लिए मंत्रियों की एक समिति और विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया है कि मनरेगा मजदूरी रोजगार की वर्तमान अवधि 100 दिनों से बढ़ाकर 150 दिन की जाए। वही, बैठक में शामिल हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जिन राज्यों में लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है, उसे तुरंत रोकना चाहिए क्योंकि कोरोना वायरस के खिलाफ ये लड़ाई लंबी है और हमें धैर्य रखना जरूरी है।
आपको बता दें कि इससे पहले 11 अप्रैल को संवाद में कई मुख्यमंत्रियों ने 21 दिन के लॉकडाउन को दो सप्ताह तक बढ़ाने की सिफारिश की थी, जो पहले 14 अप्रैल को समाप्त होने वाला था। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को घोषणा की थी कि लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाया जा रहा है। वही, 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री ने गत 20 मार्च को मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी। उस दौरान मोदी ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के तरीकों पर चर्चा की थी।
यह भी पढ़ें- लॉकडाउन: लूडो में पत्नी ने हराया, तो गुस्साए पति ने की जमकर पिटाई, तोड़ी रीढ़ की हड्डी