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PM मोदी बोले- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हर तरह के दबाव से मुक्त रखा गया

PM मोदी बोले- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हर तरह के दबाव से मुक्त रखा गया

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नई शिक्षा नीति 2020 की पहली वर्षगांठ पर शिक्षण समुदाय को संबोधित कर रहे हैं। पीएम शिक्षा क्षेत्र में कई पहलों का भी शुभारंभ करेंगे। पीएम का संबोधन शुरू होने से पहले नई शिक्षा नीति पर तैयार एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक साल पूरा होने पर सभी देशवासियों और विशेषकर सभी विद्यार्थियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बीते एक वर्ष में देश के आप सभी महानुभावों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल में उतारने में बहुत मेहनत की। कोरोना के इस काल में भी नई शिक्षा नीति को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। बीते एक वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आधार बनाकर अनेक फैसले लिए गए।

यह महत्वपूर्ण अवसर ऐसे समय में आया है, जब देश 15 अगस्त को आजादी के 75वें साल मे प्रवेश करने भी जा रहा है। एक तरह से यह अवसर आजादी के अमृत महोत्सव का प्रमुख हिस्सा बन गया है। इतने बड़े महापर्व के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आज शुरू हुई योजनाएं नए भारत के निर्माण में बहुत भूमिका निभाएंगी।

पीएम मोदी ने कहा कि भविष्य हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानी आज कैसी शिक्षा दे रहे हैं, कैसी दिशा दे रहे हैं। इसलिए मैं मानता हूं कि भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के निर्माण में बड़े फैक्टर में एक है। उन्होंने कहा कि आज इस कार्यक्रम में जुड़े अधिकांश महानुभाव नई शिक्षा नीति से परिचित हैं, लेकिन यह कितना बड़ा मिशन है, इस अहसास को हमें बार-बार याद करना ही है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज का युवा डिजिटल इंडिया को नई गति दे रहा है। इन युवाओं को इनके सपनों के अनुरूप वातावरण बनेगा तो इनकी क्षमताएं कितनी बढ़ जाएंगी। नई शिक्षा नीति युवाओं को भरोसा दिलाती है कि देश पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ हैं। शिक्षा में यह डिजिटल रेवोलुशन एक साथ आए। गांव और शहर सब समान रूप से डिजिटल लर्निंग से जुड़े, इसका भी खास ख्याल रखा गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि विद्या प्रवेश के माध्यम से प्ले स्कूल का कॉन्सेप्ट शहरों से निकलकर गांव-गांव जाएगा। बच्चा अमीर का हो या गरीब का, उसकी पढ़ाई खेलते और हंसते हुए ही होगी, आसानी से होगी, यह उस दिशा में प्रयास है। उन्होंने कहा कि आज देश में तीन लाख से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें शिक्षा के लिए सांकेतिक भाषा की आवश्यकता पड़ती है। इसे समझते हुए पहली बार एक भाषा विषय रखा गया है। इससे हमारे दिव्यांग साथियों को बहुत मदद मिलेगी।

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पिछले साल 29 जुलाई को मंजूरी दी थी। नई शिक्षा नीति के तहत केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षा क्षेत्र पर देश की जीडीपी के छह प्रतिशत हिस्से के बराबर निवेश का लक्ष्य रखा गया है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय' का नाम बदल कर 'शिक्षा मंत्रालय' करने को भी मंजूरी दी गई है।

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