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यूआईडीएआई ने 127 लोगों को जारी किया नोटिस, कहा- नागरिकता से कोई संबंध नहीं

यूआईडीएआई ने 127 लोगों को जारी किया नोटिस, कहा- नागरिकता से कोई संबंध नहीं

 

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के हैदराबाद ऑफिस ने कथित तौर पर गलत तरीका अपनाकर आधार नंबर प्राप्त करने वाले 127 लोगों को नोटिस भेजा है। जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें ज्यादातर मुस्लिम समुदाय से हैं। शुरुआत में बताया गया UIDAI ने इन लोगों को वास्तविक दस्तावेज दिखाकर नागरिकता साबित करने को कहा है। हालांकि, अब UIDAI ने साफ किया कि इसका नागरिकता से कोई संबंध नहीं है।

बयान में कहा गया कि आधार नागरिकता का दस्तावेज नहीं है और आधार अधिनियम के तहत यूआईडीएआई को यह सुनिश्चित करना होता है कि आधार के लिए आवेदन करने से पहले कोई व्यक्ति भारत में कम से कम 182 दिनों से रह रहा है। उच्चतम न्यायालय ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में यूआईडीएआई को अवैध प्रवासियों को आधार नहीं जारी करने का निर्देश दिया था।

बता दें कि हैदराबाद में एक 40 वर्षीय ऑटो-रिक्शा चालक को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक शिकायत पर अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कहा है कि उसका आधार कार्ड नकली है। बायोमेट्रिक्स-आधारित पहचान पत्र प्रणाली चलाने वाले प्राधिकरण के उप निदेशक और जांच अधिकारी, अमिता बिंद्रो ने मोहम्मद सत्तार खान को 20 फरवरी को सुबह 11 बजे उनके सामने पेश होने के लिए कहा है। 

तालाब कट्टा इलाके के भवानी नगर के रहने वाले खान को 3 फरवरी को नोटिस दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि यदि आप भारतीय नागरिक नहीं है, तो साबित करें कि आपने कानूनी रूप से भारत के क्षेत्र में प्रवेश किया है और आपका प्रवास वैध है। अपने स्रोत का उल्लेख किए बिना शिकायत का हवाला देते हुए, बिंद्रो ने कहा कि खान ने झूठे बहानों के माध्यम से अपना आधार कार्ड प्राप्त किया, झूठे दावे किए और नकली दस्तावेज जमा किए।

 


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