भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया और पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में स्थानीय चुनावों से पहले हमलों के प्रयासों को लेकर कड़ा विरोध जताया है। नगरोटा घटना का जिक्र करते हुए विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को कहा कि हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री का बड़ा जखीरा बरामद होना इस बात की ओर संकेत करता है कि केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में शांति और सुरक्षा के माहौल को बिगाड़ने के उद्देश्य से एक बड़े हमले के लिए व्यापक साजिश की गई थी।
विदेश मंत्रालय ने कहा,'मंत्रालय ने पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया और हमले की साजिश को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया।' बता दें कि इस हमले की साजिश को सतर्क भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया था। वही, मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को प्रतिबद्ध और दृढ़ है।
Pakistan Cd’A was summoned by the Ministry of External Affairs today and a strong protest was lodged at the attempted attack. It was demanded that Pakistan desists from its policy of supporting terrorists & terror groups operating from its territory: Ministry of External Affairs pic.twitter.com/lXGj2Tld1D
— ANI (@ANI) November 21, 2020
बयान में आगे कहा गया है, "यह मांग की जाती है कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं से संचालित आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों को समर्थन देने की अपनी नीति को छोड़े और अन्य देशों में हमले करने के लिए आतंकवादी संगठनों द्वारा संचालित आतंकी बुनियादी ढांचे को नष्ट करें।"
इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने बताया, "जम्मू कश्मीर के नगरोटा में 19 नवम्बर को भारतीय सुरक्षा बलों ने एक बड़े आतंकवादी हमले की साजिश को नाकाम किया था। प्रारंभिक रिपोर्टों से ऐसे संकेत है कि हमलावर पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे।" बता दें कि नगरोटा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में बृहस्पतिवार की सुबह जैश-ए-मोहम्मद के चार संदिग्ध आतंकवादी मारे गये थे।