भारत को पहला राफेल लड़ाकू विमान मिल गया है। विजयादशमी और एयरफोर्स डे के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस के बोर्दो में दसॉल्ट के संयंत्र में पहुंचकर इसकी डिलिवरी ली। राफेल उन्नत प्रौद्योगिकी से लैस लड़ाकू विमान है। राफेल के हैंडओवर समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है। यह भारत और फ्रांस के बीच गहरा संबंध दिखाता है।
उन्होंने कहा कि राफेल विमान के शामिल होने से एयरफोर्स की क्षमता में इजाफा होगा। बता दें कि 36 राफेल जेट विमानों में पहला विमान भारत को मंगलवार को ही मिल जाएगा, लेकिन चार विमानों की इस पहली खेप को भारत पहुंचने में अगले साल मई तक इंतजार करना पड़ेगा। सभी 36 राफेल जेट विमान सितंबर, 2022 तक भारत पहुंचने की उम्मीद है। उसके लिए भारतीय वायुसेना जरूरी बुनियादी ढांचा तैयारी करने और पायलटों को प्रशिक्षण देने समेत जरूरी तैयारियां कथित रूप से कर रही है।
Defence Minister Rajnath Singh in Mérignac(France): I am happy that the delivery of #Rafale aircraft is on schedule, I am confident that this will add further strength to our Air Force. I wish cooperation between our two major democracies further increases in all sectors. pic.twitter.com/8O9YfdsCKU
— ANI (@ANI) October 8, 2019
राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है। इससे भारतीय वायुसेना में आमूलचूल बदलाव होगा, क्योंकि वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं। मालूम हो कि भारत ने करीब 59 हजार करोड़ रुपये मूल्य पर 36 राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौता किया था।