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Corona Virus : स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन के लिए जारी की नई गाइडलाइन, दिए ये अहम निर्देश

Corona Virus : स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन के लिए जारी की नई गाइडलाइन, दिए ये अहम निर्देश

 

भारत में बढ़ते कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के आकड़ो को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के हल्के लक्षणों वाले मरीजों को होम आइसोलेशन पर जाने की छूट दी है। सोमवार को मंत्रालय ने एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें कुछ शर्तों का जिक्र किया गया हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के संदिग्ध मरीजों को तीन श्रेणी में बांटा है।

पहला बहुत कम लक्षण वाले मरीज, जिन्हें कोविड केयर सेंटर में रखा जाता है। दूसरा ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के तीन या चार लक्षण दिखाई देते हैं, इन मरीजों को कोविड हेल्थ सेंटर में रखा जाता है। जबकि तीसरे ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के सभी लक्षण दिखाई देते हैं, ऐसे मरीजों को कोविड हॉस्पिटल में रखा जाता है।

वही, इसमें कहा गया है कि होम आइसोलेशन वाले मरीज शुरुआती लक्षण दिखने के 17 दिन बाद आइसोलेशन खत्म कर सकेंगे। प्री-सिम्पटोमैटिक मामलों में सैंपलिंग के दिन से 17 दिन गिने जाएंगे। दोनों मामलों में यह शर्त होगी कि 10 दिन से बुखार नहीं आया हो। आइसोलेशन खत्म होने के बाद कोरोना टेस्ट करवाना जरूरी नहीं होगा। इसके अलावा कई अहम बातों का भी जिक्र इसमें किया गया है तो आइए जानते है होम आइसोलेशन को लेकर स्वास्था मंत्रालय की गाइडलाइंस के बारे में...

- कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में तभी जा सकता है जब डॉक्टर अपनी रिपोर्ट में मरीज जो घर जाने की इजाजत दे।
- मरीज के पास घर पर आइसोलेशन की सुविधा उपलब्ध होनी जरूरी है।
- होम आयसोलेशन एक आदमी 24 घंटे उसके साथ रहने वाला होना चाहिए।
- समय- समय पर मरीज की सेहत की जांच की जाएगी और जिला स्वास्थ्य अधिकारी को रिपोर्ट की जानकारी दी जाएगी
- अस्पताल के साथ उसे हर समय कॉन्टेक्स रखना होदा और हर छोटी बड़ी दिक्कत की जानकारी अस्पताल को मिलती रहनी चाहिए।
- स्वास्थ्य विभाग की टीम भी समय-समय पर कोरोना मरीज की निगरानी करेंगे
- जो भी मरीज होम आइसोलेशन में जाएगा उसे एक फॉर्म भरना होगा और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी जाने वाली गाइडलाइन का पालन करना होगा।
- इसके अलावा मरीज के मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप होना अनिवार्य है।
- इस दौरान मरीज को हर समय ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का पहनने रखना है अथवा उसे हर 8 घंटे बाद उतार कर बदलना है।
- वही, इस्तेमाल के बाद मास्क को डिस्कार्ड करने से पहले 1% सोडियम हाइपो-क्लोराइट से संक्रमण रहित (डिसइन्फेक्ट) करना होगा।
- मरीज को अपने कमरे में ही रहना होगा। घर के दूसरे सदस्यों खासकर बुजुर्गों और हाइपरटेंशन या दिल की बीमारी वाले लोगों से संपर्क नहीं होना चाहिए।
- मरीज को पर्याप्त आराम करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पानी या तरल (फ्लुइड) लेना चाहिए।
-  साबुन-पानी या अल्कोहॉल वाले सैनिटाइजर से कम से कम 40 सैकंड तक हाथ साफ करते रहने चाहिए।
-  पर्सनल चीजें दूसरों के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए।
- कमरे में जिन सतहों को बार-बार छूना पड़ता है (जैसे- टेबलटॉप, दरवाजों के कुंडी और हैंडल) उन्हें 1% हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से साफ करना चाहिए। 

स्वास्था मंत्रालय की द्वारा जारी गाइडलाइंस में मरीज की देखभाल करने वाले के लिए भी निर्देश दिए गए है। वे इस प्रकार है... 

- मरीज के कमरे में जाए तो ट्रिपल लेयर वाला मेडिकल मास्क पहनना होगा। मास्क इस्तेमाल करते वक्त उसका सामने वाला हिस्सा नहीं छूना चाहिए। अगर मास्क गीला या गंदा हो जाए तो तुरंत बदलना चाहिए। इस्तेमाल के बाद मास्क को डिस्कार्ड करें और हाथों को अच्छी तरह साफ करें।
- देखभाल करने वाले को अपने चेहरे, नाक या मुंह को नहीं छूना चाहिए।
- मरीज या उसके कमरे के संपर्क में आने पर हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए।
- खाना बनाने से पहले और बाद में, खाना खाने से पहले, टॉयलेट जाने के बाद और जब भी हाथ गंदे लगें तो अच्छी तरह धोने चाहिए। हाथों को साबुन-पानी से 40 सैकेंड तक धोएं। हाथों में धूल नहीं लगी है तो अल्कोहॉल वाला सैनेटाइजर भी यूज कर सकते हैं।
- साबुन-पानी से हाथ धोने के बाद डिस्पोजेबल पेपर नैपकिन से पोंछने चाहिए। पेपर नैपकिन नहीं हो तो साफ तौलिए से हाथ पोंछे। गीला होने पर उसे बदल दें।
- मरीज के शरीर से निकले फ्लुइड के सीधे संपर्क में नहीं आएं। मरीज को संभालते वक्त हैंड ग्लव्ज पहनें। ग्लव्स पहनने और से पहले और उतारने के बाद हाथ भी साफ करें।
- मरीज के साथ सिगरेट शेयर करने, उसके बर्तन, पानी, तौलिए और चादर के संपर्क में आने से बचें।
- मरीज को खाना उसके कमरे में ही पहुंचाएं।
- मरीज के बर्तन ग्लव्स पहनकर साबुन या डिटर्जेंट से साफ करें। ग्लव्स उतारने के बाद हाथ साफ करें।
- मरीज के कमरे की सफाई करते वक्त, कपड़ों या चादर को धोने वक्त ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क और डिस्पोजेबल ग्लव्ज पहनें। ग्लव्स पहनने से पहले और उतारने के बाद अच्छी तरह हाथ धोएं।
- इस बात का ध्यान रखें कि मरीज समय-समय पर दवाएं लेता रहे।
- देखभाल करने वाला व्यक्ति या मरीज के नजदीकी संपर्क वाले लोग अपनी हेल्थ को खुद मॉनिटर करें। रोज शरीर के तापमान की जांच करें। कोरोना से जुड़े लक्षण दिखें तो तुरंत मेडिकल ऑफिसर से संपर्क करें।

बता दें कि इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 अप्रैल को गाइडलाइन जारी कर बहुत हल्के या प्री-सिम्प्टोमैटिक मरीजों को होम आइसोलेशन की इजाजत दी थी।

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