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बीबी जगीर कौर बोलीं-श्री ननकाना साहब जाने वाले जत्थे पर रोक लगा कर सरकार ने सिख भावनाओं का किया कत्ल

बीबी जगीर कौर बोलीं-श्री ननकाना साहब जाने वाले जत्थे पर रोक लगा कर सरकार ने सिख भावनाओं का किया कत्ल

 

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर ने कहा कि गुरुद्वारा श्री ननकाना साहब के शहादत शौर्यगाथा की शताब्दी मनाने के लिए शिरोमणि समिति की तरफ से पाकिस्तान भेजे जा रहे जत्थे पर रोक लगा कर भारत सरकार ने सिख भावनाओं का कत्ल किया है।

गृह मंत्रालय की ओर से बुधवार को एसजीपीसी को रोक संबंधी पत्र मिलने के पश्चात बीबी जगीर कौर ने कहा कि सभी तैयारियां मुकम्मल होने पर आखिरी समय पर जत्थे पर रोक लगाना भारत सरकार की सिख विरोधी मानसिकता का सबूत है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय की तरफ से भेजे पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान में श्रद्धालुओं की सुरक्षा का मसला है और मार्च 2020 से कोविड -19 के चलते भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सरहद भी निरस्त चल रही है।

बीबी जगीर कौर ने कहा कि यह तर्क किसी भी तरह जायज नहीं है, क्योंकि गत नवंबर महीने में सिख श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान स्थित गुरूधामों की यात्रा करके आया है। यदि उस वक्त कोई ख़तरा नहीं था तो अब खतरा कैसे पैदा हो गया। उन्होंने कहा कि यदि कोई ऐसी बात थी तो चल रही प्रक्रिया के दौरान भारत सरकार ने पहले स्पष्ट क्यों नहीं किया।

इसके अलावा बीबी जगीर कौर ने यह भी कहा कि हर श्रद्धालु की भारत और राज्य सरकार की एजेंसियाें की तरफ से जांच रिपोर्ट के बाद ही पाकिस्तान दूतावास की तरफ से वीजा जारी हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब जब तैयारियां मुकम्मल हैं और श्रद्धालुओं को पासपोर्ट भी बाँट दिए गए हैं तो जत्थे पर रोक लगाना आश्चर्यजनक है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में शताब्दी मनाने के लिए शिरोमणि समिति की तरफ से अपने तौर पर सभी प्रबंध कर लिए गए थे। बीबी जगीर कौर ने आगे कहा कि सिख धर्म इतिहास में गुरुद्वारा सुधार लहर के अंतर्गत घटे शौर्यगाथा की ऐतिहासिक शताब्दी के अवसर पर श्रद्धालुओं को रोकना सिख विरोधी फैसला है, जिससे समूचे सिख समुदाय की भावनाओं को भारी ठेस पहुंची है।

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से श्री ननकाना साहब तक और अन्य गुरुद्वारा साहिबान के श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने के लिए शिरोमणि समिति बसों का भी प्रबंध किया था। इसके अलावा धार्मिक समागमों के साथ-साथ लंगर और अन्य प्रबंध भी किए गए थे।

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