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पूर्व हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद की पत्नी के बयान से शासन और प्रशासन में मचा हड़कंप

पूर्व हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद की पत्नी के बयान से शासन और प्रशासन में मचा हड़कंप

 

पूर्व हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद के मिले मेडल वापस करने पर पत्नी परवीन ने बयान दिया है। उनके बयान से शासन और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इसके बाद मकबूल आलम रोड स्थित आवास पर बनारस के डीएम सुरेंद्र सिंह उनसे मिलने पहुंचे। फिलहाल इस मामले में डीएम ने अनभिज्ञता जताई है और हर संभव कार्यवाही का आश्वासन भी दिया।

 

सरकारी उपेक्षा के विरोध में परवीन ने अपने पति को मिले सभी मेडल वापस करने का फैसला सोमवार को किया था। 20 जुलाई को मो. शाहिद की पुण्यतिथि पर परवीन दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेडल और अन्य पुरस्कार लौटाने की बात कही थी।

 

हॉकी खिलाड़ी की पत्नी ने बताया कि दो साल पहले जब पति का इंतकाल हुआ तो पीएम से लेकर तमाम मंत्री और जनप्रतिनिधियों ने शोक संवेदना व्यक्त की थी। उस दौरान कई वायदे भी किए गए थे। बताया गया है कि बनारस में उनके नाम से एकेडमी, स्टेडियम और ऑल इंडिया टूर्नामेंट का आयोजन होगा। साथ ही परिवार की आर्थिक मजबूती के लिये गैस एजेंसी या पेट्रोल पंप का भी आश्वासन दिया गया। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे मजबूर होकर उन्होंने यह फैसला लिया है। साथ ही उन्होंने बताया कि अभी पेंशन मिल रही है। उनके बाद परिवार की कौन सुनेगा। आर्थिक आधार भी जरूरी है। उन्होंने पति के नाम से एकेडमी चलाने के लिये सरकार से मदद मांगी है।

 

मोहम्मद शाहिद की पत्नी परवीन ने पीएमओ और प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय को पत्र लिखा। हर बार आश्वासन मिलता रहा कि इस बार आपका नाम पीएम से मिलने वालों की लिस्ट में है पर हर बार यह कोरा आश्वासन ही निकला। इतना ही नही उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों और हॉकी संघ के पदाधिकारियों के दरवाजे भी खटखटाए पर कोई सुनवाई नहीं हुई।

 

इस संदर्भ में मोहम्मद शाहिद के बेटे राष्ट्रीय निशानेबाज मोहम्मद शैफ ने डीएम को बताया कि वह रायफल क्लब में वह प्रैक्टिस करते हैं। इस पर जिलाधिकारी ने जानकारी दि कि क्लब को हाईटेक बनाया जा रहा है। इसको इलेक्ट्रॉनिक शूटिंग रेंज में बदला जा रहा है। इसका लाभ सभी खिलाडि़यों को मिलेगा।

 

वहीं मोहम्मद शाहिद के जन्मदिन पर पिछले साल परिवार ने एक बार खुद के खर्चे पर हॉकी का टूर्नामेंट कराया था। उस वक्त यह भरोसा दिलाया गया था कि जो भी खर्च आएगा उसको सरकार वहन करेगी। आज तक वह पैसे नही मिले।


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