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पी चिदंबरम का सरकार पर हमला, कहा अनुच्छेद 370 इसलिए खत्म किया क्योंकि वहां मुसलमान बहुसंख्यक

पी चिदंबरम का सरकार पर हमला, कहा अनुच्छेद 370 इसलिए खत्म किया क्योंकि वहां मुसलमान बहुसंख्यक

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के फैसले पर सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने रविवार को चेन्नई में कहा कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि वहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं। अगर वहां हिंदू बहुसंख्यक होते तो यह फैसला नहीं लिया जाता। चिदंबरम ने कहा, जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है। भाजपा को छोड़कर इसमें किसी को कोई शक नहीं है। जो लोग 72 साल का इतिहास नहीं जानते, उन्होंने सिर्फ ताकत दिखाने के लिए अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। संविधान के अनुच्छेद 371 के कई खंडों के तहत भी कई राज्यों को विशेष दर्जा दिया गया है।

चिदंबरम ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 का विरोध कर रहे हजारों प्रदर्शनकारियों को दबाया गया। उन पर गोलियां चलाईं गईं, आंसू गैस के गोले छोड़े गए। यह सब सच है। मैं इस बात को लेकर भी दुखी हूं कि देश की 7 पार्टियों ने अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन किया। तृणमूल कांग्रेस ने सदन में इस मुद्दे पर वॉकआउट तो किया लेकिन उन्होंने अंतर नहीं दिखाया। पूर्व वित्त मंत्री के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद देश को संबोधित किया। उन्होंने चुनकर कुछ ऐसे कानूनों के बारे में बताया जो अब जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होंगे। मैं ऐसे 90 कानूनों को बता सकता हूं जो वहां अब भी लागू हैं।

चिदंबरम के मुताबिक, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच कभी किसी तरह के मतभेद नहीं रहे। पटेल का आरएसएस से कोई संबंध नहीं था। भाजपा के पास कोई नेता नहीं है, वे हमारे नेताओं को चुरा रहे हैं। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। कौन, किसका है, यह बात इतिहास में दर्ज है और इसे भुलाया नहीं जा सकता। 5 अगस्त को राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 हटाने के प्रस्ताव रखा था। इसके कुछ देर बाद ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनुच्छेद को हटाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे। जम्मू-कश्मीर में दिल्ली की तरह विधानसभा होगी।


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