राज्यसभा में बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि यह सरकार अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस विधेयक का सहारा ले रही है। यह एक दुखद दिन है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह कानून आगे नहीं बढ़ पाएगा। चिदंबरम ने कहा कि इस देश में पहले से नागरिकता कानून है। सरकार निर्वाचित सांसदों को असंवैधानिक काम करने के लिए कहा जा रहा है।
विधेयक वर्तमान में असंवैधानिक है। सरकार का कहना है कि 130 करोड़ जनता उनका समर्थन कर रहे हैं, लेकिन पूरा पूर्वोत्तर आग की लपटों में जल रहा है। उन्होंने कहा कि इस बिल को संसद में पास होने पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। मुझे पूरा यकीन है कि सुप्रिम कोर्ट के जज इसे खत्म कर देंगे।
Congress leader P Chidambaram on #CitizenshipAmendmentBill: This Bill will be challenged in the Supreme Court if it passes in the Parliament. I am absolutely certain that the judges of SC will strike it down. https://t.co/FZDVqRkVHo
— ANI (@ANI) December 11, 2019
उन्होंने सरकार से सवाल किया कि इस बिल में यहूदी, मुसलमानों, श्रीलंकाई हिंदू और भूटानी क्रिश्चियन आदि को किस वजह से शामिल नहीं किया गया। केवल धर्म के आधार पर प्रताड़ित लोगों को ही क्यों शामिल किया गया। राजनीतिक समेत अन्य वजहों से प्रताड़ित लोगों को क्यों नहीं शामिल किया गया। इसमें सिर्फ छह धर्मों को शामिल किया गया। उन्होंने पूछा कि सरकार ने यह किस आधार पर तय किया कि सिर्फ तीन पड़ोसी देशों के ही नागरिकों को इसमें शामिल किया जाएगा।
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