जहां एक तरफ दुनिया भर में वैज्ञानिक कोरोना वायरस के लिए टीका (वैक्सीन) विकसित करने में लगे हुए हैं। इस बीच बेंगलुरु के एक डॉक्टर ने कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा किया है। बेंगलुरु के ऑन्कोलॉजिस्ट विशाल राव ने कहा, 'कुछ दवाओं को मिलाकर नई दवा तैयार हुई है। अभी ये शुरुआती स्थिति में है। इस सप्ताहांत तक इसके पहला सेट तैयार होने की उम्मीद है।' उन्होंने बताया कि हमने समीक्षा के लिए सरकार के पास आवेदन किया है।
राव ने आगे कहा कि इंसानी शरीर की कोशिकाओं में वायरस से लड़ने की क्षमता होती है। कोशिकाओं में इंटरफेरॉन होते हैं, जो वायरस से लड़ने में सहायक होते हैं। हालांकि, कोरोना संक्रमितों की कोशिकाओं से ये इंटरफेरॉन नहीं निकल पाते, जिससे उसका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और वायरस का असर बढ़ता चला जाता है।
इसके अलावा विशाल राव ने दावा किया कि हमारे शोध में हमने पाया कि ये इंटरफेरॉन कोरोना वायरस से लड़ने में भी मददगार हैं। इसके लिए हमने साइटोकाइन्स का एक मिश्रण तैयार किया है, जिसे कोरोना के मरीज के इलाज के लिए उसके शरीर में इंजेक्ट किया जा सकता है।
#WATCH We have built a concoction of cytokines which can be injected to reactivate the immune system in #COVID19 patients. We're in a very initial stage&hope to be ready with its first set by this weekend. We have applied to the govt for an expedited review: Oncologist Vishal Rao pic.twitter.com/vymRyTrL0R
— ANI (@ANI) March 27, 2020
उन्होंने कहा कि यह कोई वैक्सीन नहीं है और इससे कोरोना से संक्रमित होने से बचा नहीं जा सकता। उन्होंने बताया कि संक्रमण विशेषज्ञ, आईसीयू टीम और एक अन्य टीम के साथ मिलकर यह दवा तैयार की है। बता दें कि भारत में अब तक 873 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके है, जिसमें से इस वायरस से संक्रमित 19 लोग अपनी जान गंवा चुके है।
यह भी पढ़ें- कोरोना वायरस की पहली तस्वीर आई सामने, भारतीय वैज्ञानिकों ने देश के पहले मरीज से लिया था नमूना