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अमित शाह ने महाराष्ट्र की सियासी उठापटक पर तोड़ी अपनी चुप्पी, कहा विपक्ष कर रहा कोरी राजनीति

अमित शाह ने महाराष्ट्र की सियासी उठापटक पर तोड़ी अपनी चुप्पी, कहा विपक्ष कर रहा कोरी राजनीति

 

गृहमंत्री अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को पहली बार महाराष्ट्र के सियासी उठापटक पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि शिवसेना की कुछ मांगें ऐसी थीं जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। न्यूज एजेंसी ANI के इंटरव्यू में अमित शाह ने बताया कि आखिर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना क्यों जरूरी था। इतना ही नहीं उन्होंने कहा, चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैंने सार्वजनिक रूप से कई बार कहा था कि अगर गठबंधन जीतता है तो देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे। किसी ने भी आपत्ति नहीं जताई।

अब वे नई मांगों के साथ आए हैं जो हमारे लिए स्वीकार्य नहीं हैं। अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगना इसलिए जरूरी था कि ऐसा आरोप लग सकता था कि भारतीय जनता पार्टी की टेंपरेरी सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी, आज भी राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए संपर्क कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष कोरी राजनीति कर रहा है। यह लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा नहीं है।

जिन्हें मौका चाहिए उनके पास आज भी मौका है। उल्टा जो दो दिन मांगते थे, उन्हें छह महीने का समय दे दिया गया। राज्यपाल महोदय ने सबको छह महीने का समय दे दिया है सरकार बनाने का, उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि राज्यपाल महोदय ने उचित काम किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति शासन आने से अगर किसी का नुकसान हुआ है तो वह भारतीय जनता पार्टी का हुआ है, क्योंकि हमारी केयरटेकर सरकार चली गई है। नुकसान विपक्ष का नहीं हुआ है। अगर वो चाहते हैं कि इस प्रकार की भ्रांति पैदा करके देश की जनता की हमदर्दी पाए तो मुझे लगता है कि इस देश की जनता की समझ पर उनको भरोसा नहीं है।


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