होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
नॉलेज
फैशन/लाइफ स्टाइल
अध्यात्म

 

‘सेक्स’ शब्द को लेकर मां-बाप में इतना डर क्यों ?

‘सेक्स’ शब्द को लेकर मां-बाप में इतना डर क्यों ?

 

‘सेक्स’ शब्द सुनते ही हम बेचैन से हो जाते हैं। इस शब्द को कई लोग तो खुलकर बोल भी नहीं पाते हैं। भले ही आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं, लेकिन बड़े-बड़े लोग अपने बच्चों के सामने सेक्स की बात करना तो दूर की बात है वो टीवी पर जैसे ही ‘कंडोम’ का प्रचार आता है। माता-पिता सीधे रिमोर्ट ढूंढने लगते हैं कि कैसे भी अपने बच्चों को ये प्रचार देखने से बचा लें। बच्चें के दिल और दिमाग में ‘सेक्स’ शब्द को लेकर इतनी उत्सुकता होती है लेकिन उसका जवाब उन्हें घर से कभी नहीं मिल पाता है।

‘सेक्स’ क्या है? सेक्स किस उम्र में करना चाहिए? सेक्स को लेकर क्या सावधानियां करनी चाहिए? इन सभी बातों को अपने बच्चों के साथ माता-पिता शेयर करनी चाहिए। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर सेक्स को लेकर अभिभावक बच्चों के साथ बातचीत कैसे और कब शुरू करें? यहां सबसे महत्वपूर्ण बात हमारा यह समझना है क्या हमारा बच्चा इस बारे में जानने व समझने के लिए सक्षम है? इसके लिए बच्चों की कोई निश्चित उम्र तय नहीं की जा सकती, लेकिन जब बच्चों में इस विषय को लेकर उत्सुकता दिखने लगे या बार-बार वे आपसे इसी बारे में सवाल पूछने लगे, तब समझ जाए कि अब आप अपने बच्चे से इस बारे में संबंधित जानकारी साझा कर सकते हैं।

शुरुआत आप शारीरिक अंगों को उनके सही नामों से बुलाकर कर सकते हैं, अब आप कोर्ड वर्ड का इस्तेमाल करना बंद कर दें। वे जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं, उनसे इस बारे में चर्चा करें कि बच्चे कैसे पैदा होते हैं या उनके शब्दों में बच्चे कहां से आते हैं। इसके साथ ही उन्हें यह भी बताए कि कोई समस्या होने पर माता-पिता व चिकित्सक ही उनके निजी अंगों को स्पर्श कर सकते हैं और किसी को ऐसा करने की इजाजत नहीं है। बच्चों को आजकल इस बारे में जागरूक करना बेहद आवश्यक है। सेक्स या यौन संबंध का मासूमियत से कोई लेना-देना नहीं है। बच्चे मासूम हैं इसलिए उनसे इस बारे में बात करना उचित नहीं, यह सोचना छोड़ दें। एक जागरूक बच्चे का तात्पर्य 'शैतान' बच्चे से नहीं है। 

 

यह भी पढ़ें- आयुष्मान खुराना की फिल्म 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' में आई भारी गिरावट


संबंधित समाचार