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पंजाब में बड़ा सियासी गठजोड़, शिअद-बसपा ने मिलाया हाथ, जानें किस दल के हिस्‍से में कितनी सीटें

पंजाब में बड़ा सियासी गठजोड़, शिअद-बसपा ने मिलाया हाथ, जानें किस दल के हिस्‍से में कितनी सीटें

 

पंजाब में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने गठबंधन कर लिया है और इसे पंजाब की राजनीति में 'नया सवेरा' बताया। शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन की घोषणा करते हुए शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा, "आज ऐतिहासिक दिन है... पंजाब की राजनीति की बड़ी घटना है।"

उन्होंने कहा कि शिअद और बसपा साथ मिलकर 2022 विधानसभा चुनाव और अन्य चुनाव लड़ेंगे। इस दौरान बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा वहां मौजूद रहे। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि मायावती नीत बसपा पंजाब के 117 विधानसभा सीटों में से 20 पर चुनाव लड़ेगी, बाकी सीटें शिअद के हिस्से में आएंगी।

 जानें किन-किन सीटों से लड़ेगी बसपा 

ऐसे में बसपा के हिस्से में जालंधर का करतारपुर साहिब, जालंधर पश्चिम, जालंधर उत्तर, फगवाड़ा, होशियारपुर सदर, दासुया, रुपनगर जिले में चमकौर साहिब, पठानकोट जिले में बस्सी पठाना, सुजानपुर, अमृतसर उत्तर और अमृतसर मध्य आदि सीटें आई हैं।

बता दें कि इससे पहले शिअद का भाजपा के साथ गठबंधन था, लेकिन पिछले साल केन्द्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को लेकर बादल नीत पार्टी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का साथ छोड़ दिया। शिअद के साथ गठबंधन में भाजपा 23 सीटों पर चुनाव लड़ा करती थी। 

जानिए शिअद के साथ गठबंधन पर क्या बोली मायावती 

वहीं, गठबंधन की घोषणा के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक के बाद एक ट्वीट जनता को बधाई दी और कहा, ‘शिअद और बसपा का गठबंधन पंजाब में नई राजनीतिक और सामाजिक शुरुआत है। जनता को इस ऐतिहासिक कदम के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।’

उन्होंने कहा, 'पंजाब में आज शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी द्वारा घोषित गठबंधन यह एक नया राजनीतिक व सामाजिक पहल है, जो निश्चय ही यहां राज्य में जनता के बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति व खुशहाली के नए युग की शुरूआत करेगा। इस ऐतिहासिक कदम के लिए लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।'

अपने दूसरे ट्वीट में मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोला और लिखा, 'वैसे तो पंजाब में समाज का हर तबक़ा कांग्रेस पार्टी के शासन में यहां व्याप्त गरीबी, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी आदि से जूझ रहा है, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा मार दलितों, किसानों, युवाओं व महिलाओं आदि पर पड़ रही है, जिससे मुक्ति पाने के लिए अपने इस गठबंधन को कामयाब बनाना बहुत जरूरी।'

इसके अलावा 2022 में सूबे में होने वाले विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकते हुए मायावती ने कहा, 'साथ ही, पंजाब की समस्त जनता से पुरज़ोर अपील है कि वे अकाली दल व बी.एस.पी. के बीच हुए इस ऐतिहासिक गठबन्धन को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए यहां सन् 2022 के प्रारम्भ में ही होने वाले विधानसभा आमचुनाव में इस गठबन्धन की सरकार बनवाने में पूरे जी-जान से अभी से ही जुट जाएं।'

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