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इस राज्य में प्राइवेट जॉब आरक्षण कानून लागू, जानें कितना फायदा कितना नूकसान

इस राज्य में प्राइवेट जॉब आरक्षण कानून लागू, जानें कितना फायदा कितना नूकसान

 

आप हरियाणा में किसी भी निजी क्षेत्र में नौकरी करते हैं और हरियाणा के रहने वाले नहीं हैं, तो आपके लिए यह खबर बेहत ही जरूरी है। सरकार ने हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवार रोजगार अधिनियम 2020 को पास कर दिया है। हरियाणा सरकार ने पिछले साल के मार्च ने महीने में प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में आरक्षण को कानून लागू कर दिया है। पिछले साल नवंबर में राज्य विधानसभा में इससे जुड़ा बिल पास हुआ था। 2 मार्च 2021 को राज्यपाल ने इस बिल को मंजूरी दी थी। कितनी सैलरी वाली नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को आरक्षण का लाभ मिलेगा? साथ ही क्या नियम और शर्तें हैं?

नवंबर 2021 में हरियाणा सरकार ने प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण वाले कानून की अधिसूचना जारी की। 15 जनवरी 2022 से यह कानून पूरे राज्य में लागू हो गया है। हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवार रोजगार अधिनियम 2020 के दायरे में राज्य की प्राइवेट कंपनियां, सोसायटी, ट्रस्ट, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म और 10 या अधिक को रोजगार देने वाला कोई भी व्यक्ति या संस्था इस कानून के दायरे में आएगा। उद्योगपतियों के सुझावों पर इस कानून में कुछ बदलाव किया गया है।

30 हजार रुपये तक की सैलरी वाली निजी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। पहले यह सीमा 50 हजार रुपये तक थी। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के उपनिदेशक स्तर के अधिकारी निगरानी करेंगे। ईंट-भट्ठों पर यह नियम लागू नहीं होगा। आईटीआई पास युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता मिलेगी।

प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण का लाभ उन्हीं उम्मीदवारों को दिया जाएगा जो हरियाणा राज्य में अधिवासित है। इन्हें ही लोकल कैंडिडेट की श्रेणी में रखा गया है। इस आरक्षण के तहत लाभ प्राप्त के लिए कैंडिडेंट को अनिवार्य रूप से डेजिग्नेटेड पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करना होगा। एंप्लॉयर को भी इसी पोर्टल के जरिए भर्तियां करनी होंगी। लोकल कैंडिडेट हरियाणा के किसी भी जिले का निवासी हो सकता है लेकिन कंपनी या एंप्लॉयर के पास किसी भी जिले के निवासी के रोजगार को कुल उम्मीदवारी संख्या के 10 फीसदी तक सीमित करने का विवेकाधिकार होगा।

अगर कोई कंपनी, फैक्ट्री, संस्थान या ट्रस्ट अपने कर्मचारियों की जानकारी छुपाएगा तो जुर्माना लगाया जाएगा। निजी सेक्टर में कार्यरत किसी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। 30 हजार रुपये तक की नौकरी वाले हर कर्मचारी को श्रम विभाग की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसकी जिम्मेदारी संबंधित कंपनी, फर्म अथवा रोजगार प्रदाता की होगी। जो कंपनी ऐसा नहीं करेंगी, उन पर 25 हजार से लेकर एक लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।

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